नई दिल्ली ! पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में पानवाले से विवाद के बाद एक नाबालिग लडक़े की रहस्यमय हालत में मौत हो गई। मृतक की पहचान रजत मेनन (14) के रूप में की गई है, जो इलाके के ही एक स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र था। बीती शाम वह अपने भाई और दोस्त के साथ स्कूटी पर सवार होकर पूलटेबल खेलने जा रहा था, इसी बीच नुक्कड़ पर पान की दुकान लगाने वाले दो नाबालिग ने रजत की स्कूटी रोक ली। जिसके बाद रजत और पनवाडिय़ों के बीच विवाद शुरू हो गया और मामूली कहासुनी का विवाद देखते ही देखते हाथापाई में बदल गया।
कथित तौर पर दोनों पनवाडिय़ों ने रजत से मारपीट की, जिसके बाद रजत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पूर्वी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ऋषिपाल ने बताया कि पुलिस ने दोनों पनवाडिय़ों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, तो वहीं उनसे पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही है। रजत को बचाने के लिए पनवाडिय़ों ने ही तीन अस्पताल के चक्कर काटे, लेकिन जब वे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने रजत को मृत घोषित कर दिया। पुलिस की पूछताछ में रजत की हत्या के आरोपी पनवाडिय़ों ने बताया कि रजत की वजह से उनका नुकसान हुआ था, जिसके हर्जाने के लिए उन्होंने रजत को रोका था।
हालांकि उनका इरादा उसकी हत्या का नहीं था, तो वहीं रजत के साथ मारपीट ऐसी नहीं हुई थी कि उसकी मौत हो जाए। आरोपियों की मानें तो रजत की मौत बीमारी के कारण हुई है और जब वह सडक़ पर बेहाल गिरा, तो उन्होंने रजत को बचाने की पूरी कोशिश की। पुलिस सूत्रों की मानें तो जब रजत सडक़ पर बेहाल गिर गया, तो आरोपी रजत की स्कूटी से उसे पास के एक अस्पताल लेकर गए। हालांकि वहां वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद न होने के बाद उन्होंने पास के ही दूसरे अस्पताल की तरफ रूख किया लेकिन वहं भी रजत के इलाज की व्यवस्था नहीं हो सकी। आखिर में रजत को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद रजत के परिजनों को इस बाबत सूचना दी गई। पुलिस उपायुक्त ऋषिपाल ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रजत की मौत का सही कारण पर रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
इसके अलावा पुलिस स्थानीय निवासियों और रजत के साथ मौजूद उसके दोस्त और भाई से भी पूछताछ कर रही है। इससे पहले स्थानीयवासियों ने आरोपी लडक़ों की पान की दुकान पर तोडफ़ोड़ करते हुए पुलिस से मामला दर्ज करने की मांग की थी। वहीं मुख्य आरोपी की मां ने बेटे के अपराधी होने पर सजा देने की बात करते हुए कहा कि अगर उनके बेटे ने रजत की हत्या की है, तो उसे सजा होनी चाहिए, लेकिन बेटे ने तो रजत की हालत खराब होने पर उसको बचाने की पूरी कोशिश की थी।

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