नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर तक अघोषित आय का ब्योरा नहीं देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकेत देते हुए आज कहा, लोगों के पास संभावित मुश्किलों से बचने का यह आखिरी मौका है। इसके बाद इससे बचने में उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाएगी। मैं देशवासियों से वादा करता हूं कि 30 सितंबर तक उन्होंने कहा, स्वेच्छा से अपनी अघोषित आय के बारे में जानकारी देने वाले लोगों की आय के स्रोत की सरकार जांच नहीं करेगी। एक बार भी उनसे नहीं पूछा जाएगा कि इतना धन कहां से आया और कैसे आया।
श्री मोदी ने आकशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में यह चेतावनी देते हुए कहा, मैंने सभी सांसदों से भी कहा है कि निर्धारित तिथि तक सरकारी नियमों से नहीं जुडऩे वाले लोगों की कोई मदद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, यह चौंकाने वाले तथ्य हैं कि सवा सौ करोड़ आबादी वाले इस देश में केवल डेढ़ लाख लोग ही ऐसे हैं, जिनकी कर योग्य आय पचास लाख रुपए से ज्यादा है। ये बात किसी के गले उतरने वाली नहीं है। बड़े शहरों में लाखों की संख्या में ऐसे लोग दिख जाते हैं जिनके पास एक-दो करोड़ रुपए के केवल बंगले हैं। इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है। राष्ट्र हित में इस स्थिति को बदलना जरूरी है और ऐसा 30 सितम्बर के पहले करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, एक समय था, जब लोगों की आवाज दबा दी गई थी, लोगों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए और देश को एक बड़ी जेल में तब्दील कर दिया गया। जयप्रकाश नारायण सहित आम लोगों के लिए काम कर रहे प्रसिद्ध राजनेताओं को जेल में ड़ाल दिया गया। उन्होंने कहा कि देश को उस काली अवधि को नहीं भूलना चाहिए और यह याद रखना चाहिए कि व्यक्तिगत और सामूहिक ताकत ही देश की शक्ति है। लोकतंत्र ने हमें ताकत दी है, लेकिन 25-26 जून, 1975 लोकतंत्र के लिए काली रात थी। मैंने हमेशा लोगों से लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास का आग्रह किया है।
देश की प्रगति में महिलाओं का योगदान सराहनीय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की प्रगति और विकास में महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए आज कहा कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देश को गौरवान्वित कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना में पहली बार लड़ाकू विमानों के लिए तीन महिला पायलटों को शामिल किए जाने को देश के लिए गर्व का विषय बताते हुए कहा, हमारी तीन फ्लाइंग आफिसर बेटियों- अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना ने देश को गौरवान्वित किया है और खास बात यह है कि इनमें से कोई भी देश के मेट्रो शहर से नहीं है। छोटे शहरों से होने के बावजूद इन्होंने आसमान जैसे ऊंचे सपने देखे और उन्हें पूरा करके दिखाया।
जल संचय करें लोग
प्रधानमंत्री ने ‘जल है तो कल है’ का आज संदेश देते हुए लोगों से जल संचय करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि जीवन को बचाने जैसी चिंता जल को बचाने के लिए भी होनी चाहिए। जल जीवन का आधार है, यह परमात्मा का दिया प्रसाद है, जिसकी एक-एक बूंद बचाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में उत्तराखण्ड के पौढ़ी गढ़वाल से संतोष नेगी के संदेश का जिक्र किय।
जिसमें उन्होंने कहा था कि जल संचय करने के लिए उन्होंने अपने विद्यालय में वर्षा ऋतु शुरू होने से पहले ही 4 फुट के छोटे-छोटे ढाई-सौ गड्ढे खेल के मैदान के किनारे-किनारे बना दिए थे, ताकि वर्षा जल उसमें समा सके। इस प्रक्रिया में खेल का मैदान भी खराब नहीं हुआ, बच्चों के डूबने का खतरा भी नहीं हुआ और करोड़ों लीटर मैदान का वर्षा जल उन्होंने बचा लिया।