इंदौर। इंदौर शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। बुधवार को दिनभर में 8760 सैंपलों की जांच की गई। इसमें 512 नए कोरोना संक्रमित मिले। अच्छी बात यह रही कि स्वस्थ होने के बाद 62 मरीज अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। उपचाररत मरीजों की संख्या अब 1270 पर पहुंच गई है। मरने वालों का कुल आंकड़ा 1397 है। अब तक 31 लाख 75 हजार 541 सैंपलों की जांच की गई। इसमें 1 लाख 54 हजार 949 मरीज पाजिटिव आए हैं।

इंदौर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गई है। दो दिन पहले सोमवार को 137 संक्रमित मिले थे, वहीं मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 319 पर पहुंच गई। साकेत, विजय नगर, महालक्ष्मी नगर के साथ-साथ बायपास की कालोनियों में भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। जितने भी संक्रमित मिल रहे हैं, उनमें से 90 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण ही नहीं हैं। उनके संक्रमित होने की जानकारी रैंडम सैंपलिंग की जांच रिपोर्ट में हुई।

मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिले में जनवरी के चार दिन में ही 646 मरीज मिल चुके हैं। संक्रमण दर बढ़कर सवा दो प्रतिशत हो चुकी है। दो लोगों की कोरोना से मौत भी हो चुकी है। चिंता की बात यह भी है कि एक तरफ जहां बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ठीक होने वालों की संख्या बहुत कम है। चार दिन में सिर्फ 107 संक्रमित ठीक हुए।

मंगलवार देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में जिन 319 लोगों में संक्रमण पाया गया, उनमें एक दर्जन से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। बायपास की कालोनियों में सबसे ज्यादा 20 संक्रमित मिले हैं। ये मरीज प्रगति विहार, संपत फार्म, ओमेक्स सिटी बिचौली मरदाना क्षेत्र की अन्य कालोनियों के हैं। विजय नगर में 13, महालक्ष्मी नगर में 11 और साकेत नगर-श्रीनगर में 17 संक्रमित मिले हैं।

यह राहत की बात है कि शहर में मिल रहे संक्रमितों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं, लेकिन यहीं बात चिंता बढ़ा भी रही है। लक्षण नहीं होने की वजह से इन लोगों को पता ही नहीं था कि वे संक्रमित भी हैं। ये लोग परिवार के साथ रहकर दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहे थ

चार गुनी बढ़ गई संक्रमण दर
जो संक्रमण दर दिसंबर के अंत तक आधा प्रतिशत से भी कम चल रही थी, वह जनवरी के चार दिनों में उछलकर सवा दो पर पहुंच गई। जनवरी के चार दिन में 29394 सैंपलों की जांच में 646 संक्रमित मिले हैं। यानी संक्रमण दर 2.19 प्रतिशत पर पहुंच गई है। चिंता की बात यह भी है कि इन चार दिनों में सिर्फ 107 लोग बीमारी को हराकर पूरी तरह से ठीक हुए, यानी ठीक होने की दर साढ़े 16 प्रतिशत के आसपास ही है।