ग्वालियर ! प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि थैलेसिमिया एक आनुवांशिक बीमारी है। आवश्यकता है इसे समझने की, डरने की नहीं। उन्होंने यह बात आज सिंधु सोशल सोसायटी द्वारा केन्द्रीय इस्पात एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के जन्मदिन पर सिंधी धर्मशाला खासगी बाजार मेंआयोजित शिविर में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता संत हरिओमजी ने की। प्राधिकरण के अध्यक्ष अभय चौधरी, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, डॉ. रश्ति गुप्ता, हासानंद आहूजा एवं सोसायटी के अध्यक्ष कनवर किशोर मंगलानी तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
श्रीमती सिंह ने कहा कि थैलेसिमिया एक गंभीर बीमारी है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से रोगी बीमार बच्चे को जन्म से ही खून नहीं बनता है। जीवन भर खून बाहर से देना पड़ता है और दवाईयाँ, लैब जाँच वगैर करनी पड़ती है। तो भी वह करीब 20 साल तक जीवित रहता है। ऐसे रोगी देश में करीब तीन लाख हैं और हर साल करीब 12 हजार बच्चे जन्म ले रहे हैं। एक बच्चे का साल का खर्चा एक लाख समझे तो तीन लाख रोगी बीमारों पर समाज एवं देश के करीब 30 हजार करोड़ रूपए खर्च हो रहे हैं, यह देश का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।
महिला-बाल विकास मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भी कई प्रकार की योजनायें चलाई जा रही हैं एवं स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। सरकार द्वारा नि:शुल्क जाँच एवं दवायें दी जा रही है। सभी लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए और होने वाली गंभीर बीमारियों से बचना चाहिए। अगर समय रहते किसी बीमारी का पता चल जाए तो इलाज कराने में आसानी होती है। इस अवसर पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अभय चौधरी एवं दद्दाराम तोलानी ने भी संबोधित किया। अंत में नरेश पुरूषवानी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।