भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कोविड नियंत्रण की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि वर्तमान में संक्रमण के जो प्रकरण सामने आ रहे हैं, उन रोगियों के आयसोलेशन और उपचार के समुचित प्रबंध किए जाएँ।

जल्द से जल्द संक्रमित व्यक्तियों को स्वस्थ करने पर फोकस किया जाए। फेस मॉस्क के उपयोग और रोको-टोको अभियान को निरंतर जारी रखा जाए। ऐसे प्रयास हों कि कहीं अधिक भीड़ की स्थिति निर्मित न हो।

विवाह एवं अन्य समारोह में व्यक्तियों के बीच परस्पर दूरी का अवश्य ध्यान रखा जाए। सभी आवश्यक सावधानियों के साथ आर्थिक गतिविधियों के सुचारू संचालन का कार्य हो।

प्रदेश में 03 जनवरी से 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू हो रहा है। ऐसे बच्चे जिनका जन्म वर्ष 2007 या उसके पहले है, उनका 01 जनवरी से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। इसे टीकाकरण अभियान के रूप में संचालित किया जाए। प्रदेश में नाइट कर्फ्यू के अलावा अन्य कोई बंदिशें नहीं रहेंगी। सामाजिक गतिविधियाँ संक्रमण से बचाव के आवश्यक उपायों के साथ संचालित होंगी। प्रत्येक व्यक्ति शंका होने पर कोरोना टेस्ट अवश्य करवाएँ।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ विद्यार्थियों की उपस्थिति की व्यवस्था जारी रहे। अभी स्थिति भले गंभीर नहीं, लेकिन सभी जरूरी ऐहतियात बरते जाना चाहिए। शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा भी करें। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की घोषणा के पश्चात मध्यप्रदेश में प्रारंभ तैयारियों की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री चौहान ने देश में सर्वश्रेष्ठ वैक्सीनेशन कार्य के लिए मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को बधाई भी दी।

मंत्रालय में हुई बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री सुमीना सिंह और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रेजेंटेशन दिया।

प्रदेश में सिर्फ 9 प्रकरण, मुख्यमंत्री ने ली एक-एक प्रकरण की जानकारी

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में ओमिक्रॉन के 9 प्रकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। इन संक्रमित रोगियों में से 7 प्रकरण में रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। अन्य दो भी स्वस्थ हो रहे हैं। रोगियों में गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर अवश्य निगाह रखी जाए।

श्रेष्ठ वैक्सीनेशन कार्य के लिए हेल्थ टीम को बधाई

बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में प्रथम डोज़ 94.7 प्रतिशत और द्वितीय 90.2 प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को लग चुका है। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र 10 करोड़ से अधिक नागरिकों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। मध्यप्रदेश वैक्सीनेशन कार्य में सभी प्रांतों में सबसे आगे है। मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश की अव्वल स्थिति के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपेक्षा की कि आगामी तीन दिवस में सभी जिलों में वैक्सीनेशन की शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जाए। वैक्सीनेशन कार्य की प्रगति अच्छी है। प्रदेश में दूसरे डोज़ से शेष अभी भी 18 लाख 6 हजार लोग हैं। दिसम्बर अंत तक सभी जिलों में वैक्सीनेशन कार्य की शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश का आगर-मालवा जिला वैक्सीन के शत-प्रतिशत दोनों डोज़ लगवाने वाले जिले के रूप में उभर कर आया है।

बताया गया कि प्रदेश में ऐसे हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु के विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त नागरिकों, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज़ लग चुके हैं, को प्री-कॉशन डोज़ लगाया जाना है। साठ वर्ष से अधिक आयु के समस्याग्रस्त व्यक्तियों को चिकित्सक के प्रमाण-पत्र के बिना भी स्वैच्छिक वैक्सीनेशन का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में 10 जनवरी से प्री-कॉशन डोज़ लगाने के संबंध में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं।

किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की गाइड लाइन

एक अनुमान के अनुसार मध्यप्रदेश में टीकाकरण के लिए 15 से 18 वर्ष आयु समूह के करीब 48 लाख लाभार्थी होंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में इस आयु वर्ग के किशोरों के लिए कोविन-एप/कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा। इनका तीन जनवरी से टीकाकरण किया जाएगा। किशोरों को कोवैक्सीन लगाई जाएगी। अपॉइंटमेंट ऑनलाइन या ऑनसाइट (वॉक-इन) भी बुक किया जा सकता है। ऐसे लाभार्थियों को सत्यापनकर्ता/वैक्सीनेटर द्वारा ऑनसाइट भी पंजीकृत किया जा सकता है। विद्यालय जाने वाले विद्यार्थियों को विद्यालयों में टीका लगेगा। शिक्षा विभाग इस अभियान में सहयोग करेगा। प्रत्येक विद्यार्थी को टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश के 17 हजार 892 विद्यालयों में 36.8 लाख विद्यार्थियों का नामांकन है, जो बच्चे स्कूल नहीं जाते, उन्हें भी स्कूलों के टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके अलावा आँगनवाड़ी केन्द्रों और ग्राम स्तरीय चिन्हित केन्द्रों पर भी वैक्सीन लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने इस कार्य के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

प्रदेश में प्रतिदिन हो समीक्षा, आज केन्द्र और राज्य सरकार ने की साथ-साथ समीक्षा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन समीक्षा की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आज कोरोना के 42 प्रकरण आए हैं। देश में कुल 6 हजार 358 मामले आए हैं। केरल और महाराष्ट्र में करीब डेढ़ हजार प्रकरण आए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भारत के सभी प्रांतों के साथ विश्व के विभिन्न देशों में सामने आ रहे प्रकरण, किए जा रहे प्रबंध और व्यवस्था की जानकारी से भी अपडेट रहने के निर्देश दिए। आज ही केन्द्र सरकार द्वारा दोपहर 01 बजे राज्यों के साथ कोरोना और ओमिक्रॉन की स्थिति पर वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा चर्चा एवं समीक्षा हुई। इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रालय में भारत सरकार की गाइडलाइन और प्रदेश में वैक्सीनेशन की प्रगति और संक्रमण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से बातचीत और समीक्षा की। मुख्यमंत्री चौहान ने विस्तृत निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री चौहान के प्रमुख निर्देश

  •     विद्यालयों को वैक्सीनेशन केंद्र बनाया जाए। विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ ही ड्रॉपआउट बच्चों को भी दिया जाए वैक्सीनेशन का लाभ।
  •     प्रदेश में लगभग 40 लाख विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाने का अनुमान है। विद्यालयों में वैक्सीनेशन लगाने की व्यवस्था क्रमशः भिन्न-भिन्न स्थान पर भी की जाएगी। सभी पात्र बच्चों को वैक्सीन लगाई जाए।
  •     फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर रोगों से प्रभावित लोगों को तीसरा डोज़ (प्री-कॉशन) लगाया जाना है। इस कार्य को पूरी प्राथमिकता दें।
  •     वैक्सीनेशन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ और मैपिंग कार्य पूर्ण हो।
  •     प्रदेश में 60 हजार टेस्ट औसतन रोजाना हो रहे, यह व्यवस्था कायम रहे।
  •     नागरिक स्वास्थ्य समस्या होने पर नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर परामर्श प्राप्त करें और टेस्ट भी करवाएँ।
  •     प्रतिदिन कोविड नियंत्रण की बारीकी से समीक्षा की जाए।