नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन को भाजपा ने मेगा इवेंट के रूप में पेश किया है। भाजपा इसका लाभ उत्तर प्रदेश के चुनाव में लेने की कोशिश तो करेगी ही, लेकिन इसके जरिए वह दक्षिण भारत में भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। खासकर केरल व तमिलनाडु में जहां भाजपा सबसे कमजोर स्थिति में है।

उत्तर प्रदेश की चुनावी जमीन पर विभिन्न राजनीतिक मुद्दों में भाजपा के एजेंडे में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तो पहले से ही शामिल रहा है। अब वह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी अपने प्रचार अभियान में शामिल करेगी और लोगों को बताएगी कि किस तरह से मुगल काल में हुए अत्याचारों और आक्रमणों को सुधार कर काशी विश्वनाथ को नया स्वरूप दिया गया है।

मथुरा को लेकर भी पार्टी के नेताओं के बयान इस में जुड़े हुए हैं। इस तरह से अयोध्या, काशी और मथुरा की तीनों मुद्दों पर पार्टी कहीं न कहीं अपने कॉडर और समर्थक वर्ग को एक संदेश भी दे रही है। हालांकि, पार्टी यहीं तक सीमित नहीं है। उसकी सोच दक्षिण भारत तक जा रही है।

पार्टी का मानना है कि दक्षिण भारत में चूंकि शैव समुदाय ज्यादा है और काशी विश्वनाथ के जीर्णोद्धार से वहां के लोगों में जो खुशी का माहौल बनेगा, वह भाजपा को लेकर उनकी सोच में बदलाव लाएगा। खास कर केरल व तमिलनाडु में जहां भाजपा को हिंदू समुदाय का ज्यादा समर्थन नहीं मिलता है। वहां पर पार्टी काशी विश्वनाथ के जीर्णोद्धार को लेकर जनता को बताएगी कि किस तरह मोदी सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति और सबको साथ लेकर चलने की सोच ने बिना किसी व्यवधान के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग परिसर को नया और भव्य स्वरूप दिया है।