भोपाल । भोपाल के लाऊखेड़ी में करीब 20 फीट गहरे सीवेज टैंक में गिरने से इंजीनियर समेत 2 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी का इंजीनियर और दूसरा मजदूर है। चैंबर के खुले गड्‌ढे के पास जूते रखे थे। इन्हें देख राहगीरों को आशंका हुई। इसके बाद उन्होंने गांधी नगर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने लोगों की मदद से रस्सी से बांधकर लाश बाहर निकाली। पुलिस जांच कर रही है कि मौत कैसे हुई? हालांकि, प्रथम दृष्टया जहरीली गैस से दम घुटने का कारण सामने आ रहा है।

हादसा सोमवार दोपहर 3.30 हुआ। नगर निगम के जोन नंबर-1 के लाऊखेड़ी क्षेत्र में अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी सीवेज का काम कर रही है। सीवेज लाइन भी अभी बंद है, लेकिन उसमें बारिश और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भर गया है। सोमवार को कंपनी के इंजीनियर दीपक सिंह और एक अन्य मजदूर जांच करने के लिए गए थे। जिनके जूते बाहर रखे थे। प्रत्यक्षदर्शी सोनू मीणा जब वहां से गुजरे तो उन्हें जूते दिखाई दिए। अनहोनी की आशंका होने पर उन्होंने गांधी नगर थाना पुलिस को सूचना दी। वहीं, नगर निगम और रेस्क्यू टीम को भी खबर दी गई।

20 मिनट चला ऑपरेशन

गांधी नगर थाना प्रभारी अरुण शर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया, अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी के इंजीनियर व मजदूर सीवेज लाइन को चेक करने आए थे। लोगों ने जानकारी दी कि दो व्यक्ति सीवेज लाइन का काम कर रहे थे, जो काफी देर से ऊपर नहीं आए। तुरंत मौके पर पहुंचे। बाहर जूते रखे थे। इसके चलते करीब 20 मिनट ऑपरेशन चलाकर लाश बाहर निकाली गई। इसके बाद दोनों की लाश बाहर निकाली गई। संभवत: जहरीली गैस से उनका दम घुटा। पोस्टमार्टम के लिए लाश हमीदिया हॉस्पिटल भेज दी गई है। मौत कैसे हुई, यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।

अभी लाइन चालू नहीं, घरों का गंदा पानी जा रहा

नगर निगम के सीवेज एवं सीवेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता ने बताया, लाऊखेड़ी में अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी चैंबर का काम कर रहा है। इंजीनियर और मजदूर जांच करने गए थे। इसी दौरान वे हादसे का शिकार हुए। सीवेज लाइन अभी निगम को हैंडओवर नहीं हुई है। लाइन चालू होने के अगले 10 साल तक कंपनी ही देखरेख करेगी।

बाहर से ही रूटिन मेजरमेंट करते हैं, वे अंदर क्यों उतरे कुछ समझ नहीं आ रहा

अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी के सीनियर इंजीनियर अवकाश पटेल का कहना है कि सीवेज लाइन का कंपनी रूटिन मेजरमेंट करती है। हर दिन इंजीनियर और मजदूर जांच के लिए जाते हैं। यह ग्राउंड के ऊपर से ही करना होता है, लेकिन इंजीनियर दीपक सिंह और मजदूर अंदर क्यों उतरे, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। आसपास कोई लोग भी नहीं थे, जो बता सके कि हादसा कैसे हुआ।

घरों का गंदा पानी भरा

नगर निगम और कंपनी के इंजीनियर-अधिकारी की मानें तो चैंबर में आसपास के घरों से निकलने वाला गंदा पानी भर गया। वहीं, बारिश का पानी भी भरा हुआ है। निकासी नहीं होने के कारण चैंबर में कई फीट पानी भरा हुआ है। संभवत: इस वजह से जहरीली गैस बनी और इंजीनियर-मजदूर हादसे के शिकार हो गए। हालांकि, पुलिस यह जांच कर रही है कि दोनों चैंबर में गिरे या खुद ही उतरे थे। उनकी मौत किन वजह से हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।