भोपाल । नूरी खान को इस्तीफे की पेशकश का रिटर्न गिफ्ट मिल गया है। उज्जैन की तेजतर्रार नेत्री नूरी खान को महिला कांग्रेस का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही तीन अन्य महिला नेत्रियों को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। इन पर अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी रहेगी।
नूरी खान ने दो दिन पहले ही कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। आरोप लगाए थे कि कांग्रेस में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा होती है। वे वर्ग विशेष से आती है इसलिए उन्हें जिम्मेदारी वाला पद नहीं दिया गया है। उन्होंने कई सवाल उठाए थे। हालांकि, इस्तीफा देने के दो घंटे बाद ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे बात की। इसके बाद नूरी ने इस्तीफा भी वापस ले लिया। तभी से कयास लग रहे थे कि नूरी को पार्टी में कोई बड़ा पद मिल सकता है। ताकि उनकी नाराजगी दूर हो सके। इसके बाद बुधवार को उन्हें महिला कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया।
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहती थी
नूरी खान महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में थी। उनका दावा मजबूत था। जब अर्चना जायसवाल को महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तब से नूरी नाराज थी। दो दिन पहले सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट डालकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद से ही कहा जा रहा था कि नूरी ने प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए यह कदम उठाया है। खासकर, इस्तीफा देने और वापस लेने से उन्होंने अपनी बात मनवा ली है। नूरी के इस्तीफे की भाषा भी आक्रामक थी। नूरी ने लंबे-चौड़े पत्र में अपने मन की टीस लिखी थी।
कार्यकारी अध्यक्ष के लिए भेजा था नाम
सूत्रों का कहना है कि नूरी खान के अलावा कविता पांडे, रश्मि पवार, जमना मरावी को भी महिला कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इन चारों को महिला कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव था। इसके लिए अभा कांग्रेस कमेटी से सिफारिश भी की गई थी। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की सहमति से ये नाम दिल्ली भेजे गए थे। हालांकि, एआईसीसी ने कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था खत्म कर दी, जिससे कमलनाथ ने महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को कहकर चारों को वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनवाया है। । इन चारों को मप्र के अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी। जो नेत्री जिस क्षेत्र में रहती है उसे उसी क्षेत्र में महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जाएगा।
असम से कांग्रेस विधायक की पत्नी है नूरी खान
नूरी खान की बात करें तो उज्जैन की यह नेत्री एनएसयूआई से कांग्रेस की राजनीति में आई है। करीब 20 साल से कांग्रेस से जुड़ीं हैं। नूरी खान कांग्रेस के कई पदों पर रह चुकी हैं। वे राष्ट्रीय स्तर की समन्वयक भी रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता और मदरसा बोर्ड में भी उन्हें स्थान मिला था। नूरी खान ने रकीबउद्दीन से शादी की है जो असम से कांग्रेस विधायक हैं। नूरी खान की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी पटरी नहीं बैठती है। जब सिंधिया कांग्रेस में थे और उज्जैन के एक कार्यक्रम में गए थे तो नूरी को मंच से उतार दिया था। इस घटना ने खूब तूल पकड़ा था। नूरी ने सिंधिया के खिलाफ मोर्चा खोला था।