भोपाल। ग्वालियर में एकबार फिर नाथूराम गोडसे की प्रतिमा की स्थापना की तैयारी तेज कर दी है। हिंदू महासभा ने एडीएम को पत्र लिखकर इसकी परमिशन मांगी है।

अब तक हिंदू महासभा गोडसे और नारायण आप्टे की जयंती पर कार्यक्रम करती रही है। ग्वालियर में हिंदू महासभा एक बार फिर बापू के हत्यारा नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को लेकर फिर सक्रिय हो गई है।

हिंदू महासभा ने अपने कार्यालय में नाथूराम गोडसे और उनके साथी नारायण आप्टे की प्रतिमा लगाने की प्रशासन से अनुमति मांगी है। इसके लिए बाकायदा हिंदू महासभा ने प्रतिमा  लगाने की अनुमति के लिए जिले के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी को पत्र लिखा है। हिंदू महासभा ने जिला प्रशासन को दिए पत्र में कहा है कि विश्व मानव अधिकार दिवस पर गोडसे और नारायण आप्टे की मूर्ति लगाने की अनुमति दी जाए। 

  नाथूराम गोडसे को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली हिंदू महासभा ने साल 2017 में गोडसे की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनाया था। उस समय गांधी के हत्यारे के मंदिर पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मंदिर को बंद कराकर मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया था। उसके बाद अभी भी नाथूराम गोडसे की मूर्ति जिला प्रशासन के कब्जे में है लेकिन इसके बावजूद भी हिंदू महासभा गोडसे की जयंती और पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करती है। व्याख्यान माला के साथ साथ कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। अभी हाल में ही हत्यारे नाथूराम गोडसे और उनके सहयोगी नारायण दत्तात्रेय आप्टे की 72 वी पुण्यतिथि पर हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे की नई मूर्ति लगाकर पूजा की थी। उस समय महासभा ने कहा था कि जल्द ही आप्टे की प्रतिमा तैयार की जा रही है और दोनों की प्रतिमाएं हिंदू महासभा के दफ्तर में स्थापित की जाएंगी। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जमीर भारद्वाज का कहना है कि नाथूराम गोडसे और उनके साथी नारायण आप्टे की प्रतिमा लगाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है। गोडसे व आप्टे की प्रतिमाएं तैयार हो चुकी हैं।