उत्तरप्रदेश । उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की खोई सियासी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में अपना पूरा फोकस महिलाओं पर बढ़ा दिया है। उन्होंने पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिशों के तहत बुधवार को महिलाओं के लिए अलग घोषणापत्र जारी किया। प्रियंका गांधी ने मनरेगा में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का वादा किया है। महिलाओं के लिए आवासीय खेल एकेडमी खोलने और पुलिस बल में 25 फीसदी महिलाओं को शामिल करने की घोषणा की है।
 
कांग्रेस महासचिव ने महिलाओं को सालाना तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर और छाज्ञाओं को स्कूटी और स्मार्टफोन देने का वादा किया है। वे आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह मासिक 10,000 और विधवा पेंशन के रूप में प्रति माह 1,000 रूपये देने, चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने जैसे वादे कर चुकी हैं।

हालांकि कांग्रेस ने अब तक पंजाब में भी इस तरह की कोई घोषणा नहीं की है जहां वह सत्ता में वापसी चाहती है। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल महिलाओं के लिए कई तरह की घोषणाओं का पिटारा खोल चुके हैं। इसलिए सवाल उठ रहे हैं  कि क्या उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए किए गए प्रियंका गांधी के वादे सिर्फ यूपी चुनाव के लिए हैं या दूसरे राज्यों यानी पंजाब, उत्तराखंड और गोवा जहां यूपी के साथ ही चुनाव होने हैं वहां भी महिलाओं के लिए ऐसी घोषणाएं की जाएंगी? 

फिलहाल तो सिर्फ यूपी के लिए इतने वादे
पार्टी के एक नेता ने बताया फिलहाल तो महिला केंद्रित वादों के राष्ट्रीय स्तर पर या दूसरे राज्यों में पूरी तरह से दोहराने की संभावना नहीं है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यूपी में इन वादों का उद्देश्य कांग्रेस के लिए एक वर्ग-आधारित वोट बैंक बनाना है। जहां पार्टी 1990 के दशक के बाद से समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के मजबूत होने से अपना आधार खो चुकी है।

उत्तर प्रदेश चुनाव से जुड़ीं पार्टी की एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक ‘ वैसे तो हर राज्य और राष्ट्रीय चुनावों में महिलाओं के लिए कांग्रेस की ओर से निश्चित रूप से कुछ वादे किए जाएंगे लेकिन उत्तर प्रदेश में किए गए वादे को प्रियंका गांधी का ट्रेडमार्क बनाने की कोशिश की गई है क्योंकि वह इस (उत्तर प्रदेश) चुनाव में कांग्रेस का चेहरा हैं। चुनाव का पूरा दारोमदार एक तरह से उन्हीं के कंधों पर है। यहां कुछ तो अलग करना था। अन्य राज्यों में, कांग्रेस की अन्य राजनीतिक विचारों को देखते हुए अलग तरह से घोषणापत्र तैयार करने की जरूरत पड़ सकती है।’

महिला नेताओं को सीधा संपर्क में रहने को कहा
एक अन्य सूत्र ने बताया कि महिलाओं को ध्यान में रखकर किए वादे पार्टी की रणनीति का हिस्सा है जिसमें प्रियंका गांधी और राहुल गांधी दोनों शामिल थे। जानकारी के मुताबिक बीते कुछ सप्ताह में प्रियंका गांधी ने कई महिला समूहों से मुलाकात की है और महिला नेताओं को उन्होंने उनसे सीधा संपर्क में रहने को कहा है। नवंबर महीने में प्रियंका गांधी ने चित्रकूट के प्रसिद्ध रामघाट पर मंदाकिनी नदी में एक नाव पर खड़े होकर  स्वयं सहायता समूहों का संचालन करने वाली कई गांवों की  महिलाओं से संवाद किया।

7,500 महिला कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में “लड़की हूं ब्रिगेड” का हिस्सा
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की योजना टाउनहॉल कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित करने की है जहां पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा महिलाओं के साथ बातचीत करेंगी। कांग्रेस जल्द ही पदयात्रा, घर-घर अभियान, उत्तर प्रदेश भर में नुक्कड़ सभाओं के साथ-साथ डिजिटल आउटरीच कार्यक्रम भी शुरू करेगी जिसके केंद्र में महिलाएं होंगी।

लगभग 7,500 महिला कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में “लड़की हूं ब्रिगेड” का हिस्सा होंगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं तक जाएंगी और उन्हें कांग्रेस के सत्ता में आने पर प्रियंका गांधी के किए गए ‘प्रतिज्ञा’ (वादों) के बारे में बताएंगी। यह पहली बार है कि जब राज्य में कोई भी राजनीतिक दल महिला मतदाताओं तक पहुंचने के लिए इतना बड़ा अभियान चलाएगा।

दूसरी पार्टियां भी महिलाओं के लिए कई वादे करने पर मजबूर
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि प्रियंका गांधी ने राज्य में दूसरी पार्टियों को भी इस बात के लिए मजबूर कर दिया है कि वे महिलाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करें और चुनावी घोषणापत्र में उनके लिए कुछ खास वादे करें। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दशकों से अधिक समय से सत्ता से बाहर है। पिछले विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस को 403 सदस्यीय सदन में सिर्फ 6.25 फीसदी वोट और सात सीटें मिली थीं।

कांग्रेस की एक विधायक अदिति सिंह हाल ही में भाजपा में शामिल हो गई हैं, तो तकनीकी तौर पर अभी कांग्रेस के राज्य में छह विधायक ही हैं। 2019 के राष्ट्रीय चुनाव में, कांग्रेस को 80 में से सिर्फ एक सीट और 6.36 फीसदी वोट मिले थे। प्रियंका गांधी को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में महिलाओं के मुद्दे और ‘नरम हिंदुत्व’ से उनकी पार्टी को खोई हुई जमीन वापस हासिल हो सकती है।