नई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड  के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी सोमवार को इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म  से जुड़ गए हैं।

कुरान की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट  में अर्जी देने वाले वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म को कबूल कर लिया। वे वसीम रिजवी से अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं।

यूपी के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज  ने वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया। वसीम रिजवी उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को हटाने को लेकर अर्जी दी थी। जिसके बाद कई अल्पसंख्यक संगठन उनके खिलाफ खड़े हो गए थे। 

वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी काफी विवाद सामने आया। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी के हिंदू बनने का स्वागत किया है। कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने अपनी वसीहत में लिख दिया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए। हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इस्लाम और शियाओं से इसका कुछ लेना-देना नहीं है।  

इससे पहले वसीम रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। कट्टरपंथी उनकी जान लेना चाहते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों के खिलाफ याचिका दायर करी है, इसीलिए ऐसा किया जा रहा है। उनका कहना है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाए। उनकी चिता को आग महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ही दें। गौरतलब है कि वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। वो कट्टरपंथ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते रहे हैं।