भोपाल । राजधानी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने और इसे करीब पांच साल (2017-18) पहले वाले मानकों पर ले जाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। शहर में प्रदूषण पर पुणे की भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था (आईआईएसईआर) अध्ययन करेगा। संस्था भोपाल सहित प्रदेश के चारों बड़े शहरों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर  एक रिपोर्ट तैयार करेगी। करीब 18 महीने तक विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को पता लगाएगी और इसे कंट्रोल करने को लेकर काम करेगी। भोपाल में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ बनी समिति में नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, फॉरेस्ट सहित अन्य सरकारी विभागों को भी शामिल किया गया है।

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भोपाल के अफसरों की मानें तो दूसरे लॉकडाउन खुलने के बाद शहर में अचानक तेजी से निर्माण कार्य बढ़े हैं। शहर में व्यवासायिक संस्थाओं द्वारा शुरू किए गए निर्माण और शासकीय स्तर पर मेट्रो, सड़कों के निर्माण के कारण उड़ने वाली धूल के कारण वायु प्रदूषण बढ़ा है। इसे कंट्रोल करने को लेकर नीति बनाने पर काम किया जाएगा।

पुणे की भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था पता लगाएगी कि वायु प्रदूषण कचरा जलाने, सड़कों की स्थिति खराब होने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले कार्बन, पलारी जलाने, निर्माण कार्यों या फिर अन्य कारणों से तो नहीं हो रहा है। रिपोर्ट के बाद शहरों को वायु प्रदूषण कम करने के लिए पर्यावरण विभाग के जरिए गाइड लाइन उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे शहरों को पालन कराना होगा। साथ ही रिपोर्ट के आधार पर 2022-23 में प्रदूषण कम करने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाएगा।

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