ग्वालियर। मध्यप्रदेश का चंबल संभाग का भिण्ड जिला परीक्षाओं में नकल करने के लिए कुख्यात रहा है। इस बार भिण्ड जिला प्रशासन ने परीक्षा नकल रहित कराने के लिए परीक्षा शुरु होने के दो माह पहले से तैयारियां शुरु कर दी थी। इसका परिणाम है कि नकल रोकने में प्रशासन सफल रहा। जहां नकल के प्रयास किए भी गए तो प्रशासन ने स्कूल संचालकों व केन्द्राध्यक्षों व पर्यवेक्षकों के खिलाफ अपराध दर्ज कराने से हडकंप भी मवा। इस वार परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था मतदान केन्दों से भी अच्छी कराई गई थी। जिले के अत्यंत संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर नकल रोकने में पारदर्शिता लाने के लिए सशस्त्र जवान तैनात किए गए थे। जिला प्रशासन की कडी कार्यवाही का ही नतीजा है कि भिण्ड जिले का परीक्षा परिणाम 13.12 प्रतिशत रहा है । यह पहली बार हुआ है कि परीक्षा परिणाम इतना खराब रहा है ।
इस वर्ष 12वीं में 33723 नियमित छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें महज 4404 छात्र पास हुए। कुल परीक्षा परिणाम 13.12 फीसदी रहा। छात्राएं 17.08 फीसदी पास हुई और छात्र सिर्फ 11.73 फीसदी पास हुए। 12वीं में 2668 प्राइवेट छात्रों ने परीक्षा दी जिसमें महज 59 छात्र पास हुए। कुल परिणाम 2.07 प्रतिशत रहा। जिसमें छात्राएं 2.77 तथा छात्र 2.67 फीसदी रहा। वर्ष 2015 में 12वीं में 30479 छात्र थे, जिनमें 20892 छात्र पास हुए थे। परिणाम 69.15 रहा था। इस बार भिण्ड का परीक्षा परिणाम काफी दयनीय रहा है।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा है कि नकल करने से बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाता है। नकल से डिग्री हासिल की जा सकती है लेकिन नौकरी नहीं। भिण्ड नकल के लिए बदनाम था लेकिन यहां होनहार छात्र-छात्राएं भी है। यहां के छात्र आईएएस, आईपीएस, इजीनियर होकर अपने प्रदेश, जिले और अपने गांव का नाम रोशन कर रहे है। यहां के युवा सेना में नौकरी कर सीमा पर मोर्चा संहाले हुए है। इस वर्ष नकल नहीं होने से छात्रों में उत्साह तो है ही, पालकों में भी खुशी है। नया शिक्षा सत्र शुरु होते ही स्कूलों में पढाई का स्तर सुधारने क ेलिए अभी से प्रयास शुरु कर दिए गए है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रवीण सिंह ने कहा कि मैंने जितनी तैयारी आईएएस बनने के लिए नहीं की, उतनी तैयारी इस बार बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए की थी। सीईओ ने कहा कि क्या हमारा ईमान इतना नीचे गिर गया है कि हम देश को ऐसी पीढी दे रहे हैं, जो नकल करके तैयार हुई है। इस नकल के कलंक को मिटाने का जो संकल्प लिया गया था उसे पूरा करने में सभी का सहयोग रहा है।