भोपाल । राजधानी में आज सुबह महिला सूदखोर और उसकी गैंग से परेशान होकर एक ही परिवार के पांच लोगों ने आज सुबह जहर खा लिया। इतना ही नहीं दो बच्चियों ने अपने व्हाट्सएप पर रिश्तेदारों को सुसाइड नोट भी सेंड कर दिया। अस्पताल में एक बच्ची की मौत हो गई। जबकि चार लोगों को आईसीयू में भर्ती किया गया है। जहां पर उनकी हालत भी नाजुक होना बताई जा रही है।
पिपलानी टीआई अजय नायर के मुताबिक ऋषिपुरम कॉलोनी में रहने वाले संजीव जोशी मैकेनिक का काम करते हैं। परिवार में उनके अलावा मां नंदनी जोाश्ी (68), पत्नी अर्चना जोशी (41), बेटी पूर्वी (16) और गरिमा (14) के साथ रहते हैं। आज सुबह पुलिस को खबर मिली कि पांच लोगों ने एक साथ जहर खा लिया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने पांचों लोगों को बेहोश की हालत में गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर 16 वर्षीय पूर्वी ने कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया, जबकि चारों लोगों की हालत भी गंभीर होना बताई जा रही है। जांच में सामने आया कि संजीव जोशी ने बबली नामक एक महिला ने कर्ज लिया था, और वह पूरे परिवार पर पैसे का दबाव बना रही थी। जिससे परेशान होकर ही परिवार ने एक साथ जहर खाया है। पुलिस ने मृतका का शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
टीआई नायर ने बताया कि घर से तलाशी लेने में पुलिस को परिवार के मोबाइल फोन मिले हैं। इसलिए पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है। क्योंकि बच्चियों ने सुसाइड नोट मोबाइल फोन पर लिखा था। साथ ही पुलिस ने बब्ली, राजू और उससे जुडेÞ लोगों को तलाश कर रही है। जिससे सूदखोरी के पूरे मामले का खुलासा हो सके। अभी परिवार के सदस्य बयान देने की स्थिति में नहीं है। डॉक्टर लगातार उनकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। जांच के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
गरिमा जोशी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि यार मेरा सबकुछ खत्म हो गया। मुझे डेटा साइंटिस्ट बनना था,लेकिन सारे सपने सारे गोल्स सब कुछ खत्म। बबली आंटी क्या किया अपने हमारे साथ। हमने आपका क्या बिगाड़ा था। जो इतना तड़पाया। मेरे जाने के बाद जो भी मेरा सुसाइड नोट ओपन करे तो मेरी बात बबली आंटी तक पहंचा देना प्लीज। फिर कभी किसी के साथ ऐसा बर्ताव मत करना। किसी और को इतना मत तड़पाना। राजू भईया कितना मानती थी मैं आपको आपने भी ऐसा किया। कभी सोचा नहीं था। प्लीज हमारे मरने के बाद किसी और के साथ ऐसा मत करना। अब सब कुछ खत्म हो जाएगा। जो भी हमारे साथ हुआ ये सब को पता चलना चाहिए कि हमारे साथ ये सब बबली और उनकी गैंग्स ने किया। कभी ये बात नहीं बता पाई। किंतु रोज रोज मरकर जीने से अच्छा है कि आज हम सब मर जाएं। बहुत बुरा समय बीता है अब और नहीं सहन हो रहा। बस डेटा सार्इंटिस्ट बनने का सपना अधूरा ही रह गया। मुझे भी दोस्तों के साथ मौज मस्ती एवं घूमना था। खुद को एक्सफ्लोर करना था। ऐसे लाइफ को इंजॉय करनी थी। एक प्रार्थना है कि मेरे मरने के बाद एक रोटी किसी भी जानवर को खिला देना।
पूर्वी जोशी ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरे जिन्दगी का सपना था कि मैं फैशन डिजाइनर बनूं, लेकिन एक हवा के झोंके ने सब कुछ खत्म कर दिया। साले जब से ये बबली ने अपने पति के साथ कदम रखे। तब से हमारा घर शमसान बन गया। मैं हमेशा से फैशन अवार्ड में जाना चाहती थी,लेकिन उजड़ गया। ये बबली हमारी जिन्दगी में ब्रह्मकेश के रूप में आई। मैं उनके परिवार को ये श्र्राप देती हूं कि मेरे रूह बनकर तुझे खून के आसूं रुलाएगी। साले तुम लोगों को मैं जरूर मार डालूंगी।
एक लॉस्ट टाइम मैं यह कहना चाहती हूं कि मेरे नाम से किसी कु त्ते को रोटी खिला देना। मैं फैशन डिजाइनर नहीं बन पार्ई। मेरी बनाई हुई डिजाइन को कोई पहन लेना और सारे रिलेटिव को बहुत सारा धन्यवाद। साले तुम लोग भी एहसान जता कर चले गए। मैं तुम सबसे नफरत करती हूं। एक कविता मैं उनके लिए पढ़ना चाहती हूं कि लाशों की धरा से उठाती एक दायित्व है कि पीछे मुड़के देखा तो ब्रम्हकेश आया है,आते ही उसने तहलका मचाया है, पीछे मुड़ के देखा तो ब्रम्हकेश आया है। खुशनसीब लोगों को मौत के घात के उतारा है ।