उज्जैन | मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ में जहां एक ओर आस्था का मेला उमड़ा है, वहीं दूसरी ओर देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेनानियों को नमन किया जा रहा हैं। सिंहस्थ कुंभ में हर तरफ भक्ति के रंग बिखरे हुए हैं। यहां पहुंच रहे श्रद्घालु क्षिप्रा नदी के जल में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करने में लगे हैं। वहीं एक पंडाल ऐसा भी है, जहां की यज्ञशाला में देश की सुरक्षा की खातिर जान गंवाने वालों को नमन किया जा रहा है। इस यज्ञशाला में हर तरफ देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों की तस्वीरें लगी हैं।सिंहस्थ के भूखीमाता क्षेत्र में स्थापित अपने पंडाल से संत बालक योगेश्वर दास राष्ट्र-प्रेम और देशभक्ति का संदेश देते नजर आते हैं। पंडाल के ऊपरी हिस्से पर तिरंगा लहरा रहा है।
योगेश्वर दास का कहना है, “भागवत गीता हमें कर्म का पाठ पढ़ाती है। निश्च्छल कर्म के लिए जो अपने प्राणों की आहुति देते हैं, वे भी किसी योगी से कम नहीं। इस कुंभ में कर्म और धर्म के सभी उपासकों को याद किया जा रहा है। ऐसे में देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद करना हम सब का नैतिक दायित्व है।”योगेश्वर दास के मार्गदर्शन में बनी यज्ञशाला सिंहस्थ कुंभ में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। यज्ञशाला के प्रवेश द्वार और शिखर पर तिरंगा लहरा रहा है।

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