गोरखपुर । यूपी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी ने खुद के चुनावी समर में उतरने को लेकर स्पष्ट किया है कि पार्टी जहां से कहेगी, वहां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। खुद के लड़ने को लेकर योगी ने पहली बार कोई बयान दिया है। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान पहली बार आगामी विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने के बारे में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह पार्टी की मर्जी से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, पार्टी का एक संसदीय बोर्ड है और यह तय करता है कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। संसदीय बोर्ड ही तय करेगा किसे टिकट मिले और किसे नहीं।
योगी आदित्यनाथ इस समय उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मुकाबले के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मैंने हमेशा चुनाव लड़ा है और पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ूंगा। मुख्यमंत्री योगी ने साढ़े चार साल के अपने कार्यकाल में प्रदेश में आए सकारात्मक बदलावों की विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो कुछ कहा था, सरकार बनने के साढ़े चार वर्षों में प्रत्येक क्षेत्र में उसे करके दिखा दिया है। आदित्यनाथ ने कहा, वर्ष 2017 में जब हम सरकार में आए तो सबसे बदतर स्थिति कानून व्यवस्था की थी लेकिन आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरे देश में नजीर है। साढ़े चार वर्षों में कोई दंगा नहीं हुआ। दीपावली समेत सभी पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुए। उन्होंने कहा, अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वैश्विक मंच पर छा गया है। दिवाली तो हमारे आने के पहले से भी मनाई जाती रही है, प्रयागराज में कुंभ भी पहली बार नहीं हुआ था लेकिन तब उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट था। अयोध्या के दीपोत्सव, प्रयागराज के भव्य-दिव्य कुम्भ जैसे आयोजनों, बेहतर कानून व्यवस्था, निवेश और रोजगार के भरपूर अवसरों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनके क्रियान्वयन से हमने उत्तर प्रदेश को पहचान के संकट से मुक्ति दिलाई है। आज उत्तर प्रदेश का व्यक्ति कहीं भी जाए उसे सम्मान की निगाह से देखा जाएगा।