उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम सौर ऊर्जा से बिजली बना रहे हैं। सौर ऊर्जा के इस अभियान को जन-जन से जोड़ना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का फोकस बनाना आवश्यक है। सौर ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी आवश्यक है। अतः सौर ऊर्जा विस्तार के लिए रोडमैप बनाकर प्रतिमाह प्रगति की समीक्षा की जाए। प्रदेश में ऊर्जा साक्षरता अभियान में जागरूकता, सूचना संप्रेषण और ऊर्जा बचाने के व्यवहारिक तरीकों के प्रदर्शन से लोगों को ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गत दिवस निवास पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा की।
कुसुम योजना को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुसुम योजना की समीक्षा की। योजना के तीन घटक हैं, जिसमें किसान, किसान समूह, सहकारी समिति और पंचायतों द्वारा दो मेगावॉट तक सौर परियोजना स्थापित करने, डीजल पम्पों के स्थान पर स्टेंड-अलोन/ऑफ ग्रिड सौर कृषि पंप स्थापित करने और ग्रिड से जुड़े व्यक्तिगत पंप या सम्पूर्ण कृषि फीडर का सौर ऊर्जीकरण संबंधी प्रावधान हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुसुम योजना को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि दो मेगावॉट तक की सौर परियोजनाएँ स्थापित करने संबंधी जानकारी जन-जन तक पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए।
प्रदेशवासियों में बिजली बचाने की प्रतिस्पर्धा पैदा करनी होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेशवासियों में बिजली बचाने की प्रतिस्पर्धा पैदा करनी होगी। अधिक बिजली बचाने पर पुरस्कार की व्यवस्था की जाए। बिजली बचाने के व्यक्तिगत और संस्थागत प्रयासों पर पृथक-पृथक पुरस्कार हो। बैठक में निर्णय लिया गया कि ऊर्जा साक्षरता अभियान में बिजली बचाने के लिए मोबाइल एप और वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर संबंधित को ऊर्जा साक्षरता संबंधी प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाएँगे। इस अभियान में क्रमबद्ध रूप से सभी प्रदेशवासियों को जोड़ा जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जन-अभियान परिषद के माध्यम से गतिविधियाँ संचालित होगी।
अनावश्यक बिजली जलाना अपने पैसे जलाने के समान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऊर्जा की बचत और उसके सदुपयोग के लिए ऊर्जा साक्षरता अभियान सघन रूप से संचालित किया जाए। इसमें किसानों को ऊर्जा दक्ष पम्पों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है। नागरिकों में यह बोध विकसित करना होगा कि अनावश्यक बिजली जलाना अपने पैसे जलाने के समान हैं। इससे बिजली की बचत के व्यवहार को लोग आत्मसात करेंगे।
पाठ्यक्रमों में बिजली बचाने पर मॉड्यूल सम्मिलित होंगे
बैठक में जानकारी दी गई कि ऊर्जा साक्षरता अभियान में एआईडी अभियान क्रियान्वित किया जाएगा। अवेअरनेस, इन्फॉरमेशन और डिमॉन्सट्रेशन इस अभियान के मुख्य अंग होंगे। स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में भी बिजली बचाने पर 15-15 मिनिट के मॉड्यूल सम्मिलित किए जाएँगे। विद्यार्थियों को बिजली के महत्व और उसके मितव्ययी उपयोग और बिजली की बर्बादी के दुष्परिणामों को प्रयोगों के माध्यम से समझाने के लिए प्रशिक्षण सामग्री और टूलकिट उपलब्ध कराई जाएगी। ऊर्जा साक्षरता अभियान में साँची शहर को सोलर सिटी बनाया जाएगा। सीधी जिले के सभी पंचायत भवनों और आँगनवाड़ी भवनों को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किया जाएगा।