उज्जैन ! मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ कुंभ के पहले विभिन्न अखाड़ों की पेशवाई निकलने का दौर जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा की पेशवाई निकली। इस पेशवाई में धर्म, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली। श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा उज्जैन की भव्य पेशवाई शिवाजी पार्क स्थित उदासीन अखाड़े के आश्रम से प्रारंभ हुई। इस भव्य पेशवाई में 25 आकर्षक झांकियों ने श्रद्घालुओं का मन मोह लिया। सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लिए भजन गाते हुए चल रही थीं। पेशवाई में सबसे आगे ध्वजा लिए साधु संत चल रहे थे। उसके पीछे भगवान चंद्रदेव पालकी में सवार थे। उनके पीछे पांच सफेद घोड़े पर साधु संत सवार थे। पेशवाई में भारतीय संस्ति की झलक दिखाते हुए राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी लोक कलाकार अपनी वेशभूषाओं में ढोल ढमाकों के साथ आकर्षक लोकनृत्य करते चल रहे थे। पेशवाई में कई कलाकार भगवान शिव शंकर, भगवान विष्णु, हनुमान जी, राधाकृष्ण एवं अन्य देवी देवताओं का रूप लिए हुए शामिल हुए। इसके अलावा घोड़े, हाथी, ऊंट, बैंड पार्टी आदि ने पेशवाई को और आकर्षक बनाया। वहीं कई साधु-संत अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। पेशवाई शिवाजी पार्क से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गो से होते हुए श्री पंचायती अखाडा बड़ा उदासीन के नदी दरवाजा पहुंची। पेशवाई मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने पुष्पवर्षा कर साधु संतों का स्वागत किया। ज्ञात हो कि सिंहस्थ कुंभ के शुरू होने से पहले साधु-संत और अखाड़े पहुंचते हैं।
इन अखाड़ों के प्रवेश को प्रवेशाई कहा जाता है। उसी क्रम में बुधवार को बड़ा उदासीन अखाड़ा की पेशवाई ने सिंहस्थ क्षेत्र में प्रवेश किया।

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