भोपाल  । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डिप्टी डायरेक्टर और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी धीरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा रिश्वत के मामले में अदालत में चार्जशीट फाइल कर दी गई है। सीबीआई ने धीरेंद्र प्रताप सिंह को पिछले महीने रिश्वत लेते हुए पकड़ा था और 36 दिन के रिकॉर्ड समय में अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है। 

धीरेंद्र प्रताप सिंह एम्स भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर डिप्टी डायरेक्टर पर हैं और वहां प्रशासनिक शाखा के प्रभारी हैं। उनके पास एक फार्मासिस्ट का 40 लाख का बिल लंबित था जिसे पास करने के लिए पांच प्रतिशत की रिश्वत मांग रहे थे। इसका लेनदेेन शाहपुरा थाने के पास स्थित एक रेस्टोरेंट पर तय हुआ और सीबीआई ने 25 सितंबर को उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उनके दफ्तर और घर की तलाशी भी ली गई थी। सीबीआई की टीम ने तेजी से इस मामले की जांच पूरी करते हुए सोमवार 1 नवंबर को अदालत में चार्जशीट दाखिल की।

धीरेंद्र प्रताप सिंह IIFM के डायरेक्टर भी रहे
धीरेंद्र प्रताप सिंह भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं और वे आईआईएफएम भोपाल में डायरेक्टर भी रहे थे। सरकार ने उन्हें एम्स में प्रतिनियुक्ति पर भेजा था। रिश्वत के मामले में पकड़े जाने के बाद धीरेंद्र प्रताप निलंबित कर दिया गया था और चार्जशीट फाइल हो जाने से अब मामला अदालत में चलेगा।

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