नई दिल्‍ली। देश में सड़क हादसों में मौत होने के मामले में राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली सबसे ऊपर है। ये नेशनल क्राइम रिकॉर्ड NCRB की ताजा रिपोर्ट के आकंड़ों में सामने आए हैं। वहीं सुसाइड की दर में भी 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। रिपोर्ट के अनुसार आग लगने और ट्रेनों से कटकर मरने की घटनाओं में भी दिल्ली काफी आगे है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों ने पिछले साल देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुर्घटना और सुसाइड की वजह से हुई मौतों का ब्योरा जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली देश के उन चंद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल है। यहां पिछले साल किसी किसान या खेतिहर मजदूर ने खुदकुशी नहीं की। हालांकि रोड एक्सीडेंट के मामले में दिल्ली देश के 53 बड़े शहरों में सबसे ऊपर है।  

इन हादसों में 1151 लोगों की मौत हुई है, जो शहरों में सड़क हादसों में हुई मौतों के 10 फीसदी के बराबर है। जबकि 872 लोगों की मौत के साथ चेन्नई दूसरे नंबर पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार रोड एक्सीडेंट में ओवर स्पीडिंग की वजह से 54.8 प्रतिशत हादसे हुए हैं। तो वहीं 27।6 प्रतिशत हादसे खतरनाक तरीके औऱ लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से हुए है। इसके अलावा शराब पीकर गाड़ी चालने की वजह से 4 फीसदी हादसे पेश आए हैं।  

दिल्ली में पिछले साल कुल 3142 लोगों ने सुसाइड किया। जो कि 2019 के मुकाबले 24।8 फीसदी अधिक है। इसके अलावा महानगरों में करीब 34 प्रतिशत मामलों में घरेलू कारणों के चलते लोगों ने जान दी। इसके अलावा करीब 18 प्रतिशत लोगों ने बीमारी के कारण सुसाइड किया है। यही नहीं देश में 53 शहरों में कुल 999 लोगों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है। इनमें से 52।7 फीसदी हादसे अकेले दिल्ली में हुए हैं। दिल्ली में पिछले साल हुई 128 घटनाओं में 102 लोगों की मौत हुई, वहीं 182 लोग घायल हुए। देश में साल 2020 के दौरान दुर्घटना में मौत के 3,74,397 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 35 फीसदी मौतें सड़क दुर्घटना में हुई हैं। एनसीआरबी के आकंड़ों के अनुसार साल 2020 के दौरान 2019 की तुलना में दुर्घटना में मौत के मामलों की संख्या कम रही जोकि 2019 में 4,21,104 दर्ज की गई थी। दुर्घटना में मौत की दर साल 2020 के दौरान प्रति लाख आबादी पर 27।7 रही, जोकि पिछले साल 31.4 की तुलना में कम रही है। साल 2020 के दौरान देश में सड़क दुर्घटना के 3,54,796 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 1,33,201 लोगों की मौत हुई और 3,35,201 लोग घायल हुए। इसके अनुसार 60 फीसदी से अधिक सड़क हादसों का कारण तेज गति से बाहन चलाना रहा और इन हादसों में 75,333 लोगों की मौत हुई जबकि 2,09,736 लोग घायल हुए। एनसीआरबी के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों में से 43।6 फीसदी दोपहिया वाहनों के सवार थे, इसके बाद कार, ट्रक या लॉरी और बसों के साथ हुए हादसे के कारण 13।2 फीसदी, 12।8 फीसदी और 3।1 फीसदी मौतें हुईं।

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