नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल के रूप में Green Hydrogen की वकालत करते हुए आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दिया है। गडकरी ने कहा कि भारत को एक ऐसा देश बनाने की जरूरत है जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर नहीं हो। मंत्री ने कहा, ग्रीन हाइड्रोजन Petrol और Diesel से बेहतर है। ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा, हम भारत को ऐसा देश बनाना चाहते हैं, जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर नहीं हो, बल्कि ईंधन का निर्यात करे। गडकरी ने कहा, पेट्रोल और डीजल का आयात कर हम उन देशों को अमीर कर रहे हैं जो आतंकवाद का वित्तपोषण करते हैं।हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत इस समय डीजल और पेट्रोल के आयात पर लगभग 8 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है, जो कि अगले 5 वर्षों में बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो सकता है, अगर यह प्रवृत्ति जारी रहती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल का आयात घटाकर देश कई समस्याओं को हल कर सकता है।
उन्होंने कहा कि डीजल पर्यावरण के लिए सबसे खराब ईंधन है। उन्होंने निवेशकों से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इथेनॉल और अन्य स्वच्छ और स्वदेशी ईंधन के निर्माण में रुचि लेने का आग्रह किया। गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही अगले 6-8 महीनों में पेट्रोल वाहनों के लिए फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर पॉलिसी लाएगा। फ्लेक्स-ईंधन या लचीला ईंधन, गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है।
नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से छोटे ढाबा मालिकों को नेशनल हाईवे के किनारे पेट्रोल पंप और शौचालय बनाने की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम करने को कहा है। गडकरी ने कहा कि लोग सड़क के किनारे की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, ढाबे खोल रहे हैं जो उपद्रव पैदा करते हैं क्योंकि ट्रक चालक अपने ट्रक सड़क पर पार्क करते हैं। फिर उन्होंने अपने अधिकारियों को सुझाव दिया कि मंत्रालय छोटे ढाबा मालिकों को 5-10 वाहन पार्क करने के लिए जगह के साथ पेट्रोल पंप खोलने और आम जनता के लिए शौचालय बनाए रखने के प्रस्ताव पर काम कर सकता है।