मुंबई। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सामन्य जीवन से हटकर कुछ अलग करने की चाह रखते हैं। वे उच्च शिक्षित होते हुए भी समाज व देश के लिए कार्य करना चाहते हैं। उनकी नजर में सबसे बड़ा कर्म मानव कल्याण व पीडि़तों की मदद करना ही है। कुछ ऐसा ही जज्बा लिए मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानते हुए समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं मुंबई की डॉ सारिका श्रीवास्तव।
डॉ सारिका ने कोरोना काल में खुद की परवाह न करते हुए निडर होकर कोरोना योद्धाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर पीडि़तों की मदद की। उन्होंने लॉकडाउन में परेशान रहे लोगों को, भोजन व शिक्षण सामग्री का वितरण किया। डॉ सारिका श्रीवास्तव मुंबई के एक प्रतिष्ठित एनजीओ जायंट्स ग्रुप ऑफ मुंबई वन में निदेशक शिक्षा क पद पर कार्यरत हैं। वे इन दिनों मुंबई में समाजसेवा के क्षेत्र में जमकर योगदान दे रही हैं।
डॉ सारिका का कहना हैं कि वे मूलत: जयपुर राजस्थान की रहने वाली है जयपुर में वे एक प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रबंधन की प्रोफेसर हुआ करतीं थी। उनके पति आकाश श्रीवास्तव का मुंबई तबादला होने के बाद वे भी उनके साथ मुंबई आ गईं। यहां उन्होंने जब स्लम्स को और वहां के कठिन जीवन को नजदीक से देखा तो उनके मन में इन अभावग्रस्त लोगों के लिए काम करने की इच्छा जागृत हुई फिर उन्होंने झुग्गिवासियों के लिए कार्य करनाा शुरू किया। शुरू में उन्हें काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जनहित के कार्यों पर फोकस करती गईं। इस दौरान उनकी मुलाकात जायंट्स ग्रुप ऑफ मुंबई वन की अध्यक्ष डॉ अर्चना जैन से हुई, उन्होंने सारिका को उनके एनजीओ के साथ काम करने का मौका दिया। एनजीओं का सहयोग मिलने के बाद डॉ सारिका श्रीवस्तव जनकल्याण के कार्यों में पूरी तरह रम गईं। समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए डॉ सारिका श्रीवास्तव को कई सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
झुग्गिवासियों को शिक्षा के प्रति किया जागरूक-
डॉ सारिका मुंबई की झुग्गिीयों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए उन्हें जागरूक करना व शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने का कार्य भी कर रही हैं। शिक्षा की अलख जगाने के लिए वे अनाथालयों में जाकर भी अध्ययन सामग्री वितरण का कार्य भी लगातार कर रही हैं। इसके साथ-साथ कैंसर रोगियों व एचआईवी से ग्रस्त रोगियों की मदद भी वे करती हैं उनके लिए खाद्य सामग्री, दूध व फल इत्यादि का वितरण करती हैं। इस कार्य में उनके एनजीओं की अध्यक्ष डॉ अर्चना जैन का उनकों भरपूर सहयोग मिलता है।
बुजुर्गों को कराया भोजन, ग्रामीण क्षेत्र में किया काम-
अभी विगत दिनों उन्होंने मुंबई के मालवानी क्षेत्र में जाकर उम्मीद फाउंडेशन की अध्यक्ष सलमा मेमन के सहयोग से उन्होंने वृद्धाश्रम में जाकर वरिष्ठ नागरिकों को अपने हाथों से भोजन कराया, उनके इस कार्य की सभी ने सराहना की। इसके अलावा डॉ सारिका ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वहां अभावग्रस्त लोगों की मदद करती हैं। वे गांवों में रहने वाले ऐसे परिवार जिनके पास संसधनों का अभाव है अपने एनजीओं के माध्यम से उन परिवारों को जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करवाती हैं।