सतना |   अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल राजेश कौल ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन 2021 के लिए कार्यरत निर्वाचन के विभिन्न प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक लेकर विधानसभा उप निर्वाचन रैगांव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश और आदर्श आचार संहिता का पालन कराएं। मतदान की प्रक्रिया को विधि-सम्यक और कुशल संचालन के लिए मतदान दलों के प्रशिक्षण पर विशेष फोकस किया जाए।

इस दौरान कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही, रिटर्निंग ऑफिसर नीरज खरे, नोडल अधिकारियों में आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े, एसडीएम धीरेंद्र सिंह, एसके गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर सुरेश जादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, जिला पेंशन अधिकारी अशोक मिश्रा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।


     अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल ने सतना जिले की विधानसभा उप निर्वाचन रैगांव के लिए गठित विभिन्न प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारियों से चर्चा कर अब तक की गई तैयारियों की जानकारी ली। जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने विधानसभा क्षेत्र रैगांव में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की गई व्यवस्थाओं और तैयारियों की जानकारी दी। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री कौल ने कहा कि निर्वाचन में मतदाता सूची की शुद्धता और मतदान दलों के प्रशिक्षण का अत्यंत महत्व है।

 मतदान दलों में शामिल कर्मचारी कई बार चुनाव करा चुके होते हैं, लेकिन उन्हें हर बार प्रशिक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए। मतदान दलों को मतदान प्रक्रिया और ईवीएम, वीवीपैट संचालन का प्रशिक्षण के दौरान भली-भांति अभ्यास कराएं। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न कराने आदर्श आचरण संहिता का पालन बेहद जरूरी है। चुनाव के समय पूरी शासकीय मशीनरी भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में उसके अधीन होती है। निर्वाचन आयोग किसी भी कर्मचारी की कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की चूक को क्षम्य नहीं करता है। इसलिए गंभीरतापूर्वक भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत रहे और उनका अक्षरशः पालन कराएं।


     अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों में मोबाइल का प्रयोग और लेकर जाना कतई अलाऊ नहीं है। अल-सुबह मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और देर शाम तक मतदान समाप्ति के बाद मशीनों की सीलिंग की प्रक्रिया मतदान दलों द्वारा की जाएगी। सभी मतदान केंद्रों में मतदान दिवस पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों में रैम्प, पेयजल, फर्नीचर, टॉयलेट, विद्युत व्यवस्था, छाया की व्यवस्था का एक बार पुनः परीक्षण करा लेवें।

 कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत प्रत्येक मतदान केंद्र में मास्क, सैनिटाइजर और वेस्ट डिस्पोजल बकेट भी उपलब्ध रहे। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान के समय मतदान केंद्र का पीठासीन अधिकारी सर्वाेच्च भूमिका में होते हैं। पीठासीन अधिकारी मतदान के दौरान अपनी प्रभावी भूमिका में रहे। मतदान केंद्र में एक बार में अभ्यर्थी का केवल एक ही एजेंट उपस्थित रह सकता है। एजेंटों को जारी अधिकार पत्र डिस्प्ले होने चाहिए। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने और विधि-सम्यक मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी भारत निर्वा

सतना |   अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल राजेश कौल ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन 2021 के लिए कार्यरत निर्वाचन के विभिन्न प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक लेकर विधानसभा उप निर्वाचन रैगांव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश और आदर्श आचार संहिता का पालन कराएं। मतदान की प्रक्रिया को विधि-सम्यक और कुशल संचालन के लिए मतदान दलों के प्रशिक्षण पर विशेष फोकस किया जाए।

इस दौरान कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही, रिटर्निंग ऑफिसर नीरज खरे, नोडल अधिकारियों में आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े, एसडीएम धीरेंद्र सिंह, एसके गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर सुरेश जादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, जिला पेंशन अधिकारी अशोक मिश्रा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।


     अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल ने सतना जिले की विधानसभा उप निर्वाचन रैगांव के लिए गठित विभिन्न प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारियों से चर्चा कर अब तक की गई तैयारियों की जानकारी ली। जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने विधानसभा क्षेत्र रैगांव में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की गई व्यवस्थाओं और तैयारियों की जानकारी दी। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री कौल ने कहा कि निर्वाचन में मतदाता सूची की शुद्धता और मतदान दलों के प्रशिक्षण का अत्यंत महत्व है।

 मतदान दलों में शामिल कर्मचारी कई बार चुनाव करा चुके होते हैं, लेकिन उन्हें हर बार प्रशिक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए। मतदान दलों को मतदान प्रक्रिया और ईवीएम, वीवीपैट संचालन का प्रशिक्षण के दौरान भली-भांति अभ्यास कराएं। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न कराने आदर्श आचरण संहिता का पालन बेहद जरूरी है। चुनाव के समय पूरी शासकीय मशीनरी भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में उसके अधीन होती है। निर्वाचन आयोग किसी भी कर्मचारी की कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की चूक को क्षम्य नहीं करता है। इसलिए गंभीरतापूर्वक भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत रहे और उनका अक्षरशः पालन कराएं।


     अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों में मोबाइल का प्रयोग और लेकर जाना कतई अलाऊ नहीं है। अल-सुबह मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और देर शाम तक मतदान समाप्ति के बाद मशीनों की सीलिंग की प्रक्रिया मतदान दलों द्वारा की जाएगी। सभी मतदान केंद्रों में मतदान दिवस पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों में रैम्प, पेयजल, फर्नीचर, टॉयलेट, विद्युत व्यवस्था, छाया की व्यवस्था का एक बार पुनः परीक्षण करा लेवें।

 कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत प्रत्येक मतदान केंद्र में मास्क, सैनिटाइजर और वेस्ट डिस्पोजल बकेट भी उपलब्ध रहे। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान के समय मतदान केंद्र का पीठासीन अधिकारी सर्वाेच्च भूमिका में होते हैं। पीठासीन अधिकारी मतदान के दौरान अपनी प्रभावी भूमिका में रहे। मतदान केंद्र में एक बार में अभ्यर्थी का केवल एक ही एजेंट उपस्थित रह सकता है। एजेंटों को जारी अधिकार पत्र डिस्प्ले होने चाहिए। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने और विधि-सम्यक मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन कर प्रभावी भूमिका निभाएं। उन्होंने विधानसभा रैगांव के उप निर्वाचन के लिए की गई सभी आवश्यक व्यवस्थाओं और तैयारियों के लिए संतोष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।


     जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन के लिए की गई व्यवस्थाओं और तैयारियों की जानकारी में बताया कि रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता संख्या 2 लाख 6 हजार 910 है। जिनमें 1 लाख 9 हजार 750 पुरुष और 97 हजार 160 महिलाएं हैं। पूर्व के 265 और नए 48 सहायक केंद्र मिलाकर कुल 313 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुल 241 लोकेशन पर स्थापित 313 मतदान केंद्रों में से 135 दूरस्थ या अन्य कारणों से क्रिटिकल मतदान केंद्रों के रूप में चिन्हित किया है।

रैगांव विधानसभा में कोई भी मतदान केंद्र शैडो एरिया अथवा वर्नरेबल एरिया में नहीं हैं। मुख्यतः तीन थाना क्षेत्र में समाहित इन मतदान केंद्रों के लिए 92 रूट और 44 सेक्टर बनाए गए हैं। मतदान दलों को ले जाने 91 बस, एक जीप और सेक्टर अधिकारियों के लिए 44 वाहनों की आवश्यकता होगी। विधानसभा क्षेत्र के लिए रिजर्व सहित 391 मतदान दलों का गठन कर लिया गया है। सभी 313 मतदान केंद्रों में रैंप, पेयजल, छाया, फर्नीचर, टॉयलेट, विद्युत की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। दिव्यांग वोटर्स के लिए दो-दो व्हीलचेयर भी रखी जाएंगी।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में कुल 2563 दिव्यांग और 356 मतदाता 80 वर्ष से अधिक उम्र के चिन्हित हैं। इन्हें पोस्टल बैलेट के लिए प्रपत्र दिए गए थे। इनमें से कुल 914 दिव्यांग और 80 प्लस श्रेणी के मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान की सहमति दी है। विधानसभा क्षेत्र में 525 सर्विस वोटर हैं, जबकि ईडीसी और कोविड सस्पेक्ट कोई मतदाता नहीं है।

 मतगणना और स्ट्रांग रूम के लिए शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्रमांक-1 को चयनित किया है। यहां मतगणना के लिए 3 कक्ष और स्ट्रांग रूम के लिए पांच कक्षों में व्यवस्था की गई है।
     आदर्श आचार संहिता और धारा 144 के पालन में जिला बदर के 48 में से 9 प्रकरणों में जिला बदर और एक प्रकरण में रासुका की कार्यवाही की गई है। एमसीसी के उल्लंघन पर दो एफआईआर दर्ज कर अपराध दर्ज किया गया है। मतदाता जागरूकता की गतिविधियों में बेहद कम मतदान प्रतिशत वाले गांवों में विशेष फोकस किया जा रहा है।

चन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन कर प्रभावी भूमिका निभाएं। उन्होंने विधानसभा रैगांव के उप निर्वाचन के लिए की गई सभी आवश्यक व्यवस्थाओं और तैयारियों के लिए संतोष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।


     जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन के लिए की गई व्यवस्थाओं और तैयारियों की जानकारी में बताया कि रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता संख्या 2 लाख 6 हजार 910 है। जिनमें 1 लाख 9 हजार 750 पुरुष और 97 हजार 160 महिलाएं हैं। पूर्व के 265 और नए 48 सहायक केंद्र मिलाकर कुल 313 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुल 241 लोकेशन पर स्थापित 313 मतदान केंद्रों में से 135 दूरस्थ या अन्य कारणों से क्रिटिकल मतदान केंद्रों के रूप में चिन्हित किया है।

रैगांव विधानसभा में कोई भी मतदान केंद्र शैडो एरिया अथवा वर्नरेबल एरिया में नहीं हैं। मुख्यतः तीन थाना क्षेत्र में समाहित इन मतदान केंद्रों के लिए 92 रूट और 44 सेक्टर बनाए गए हैं। मतदान दलों को ले जाने 91 बस, एक जीप और सेक्टर अधिकारियों के लिए 44 वाहनों की आवश्यकता होगी। विधानसभा क्षेत्र के लिए रिजर्व सहित 391 मतदान दलों का गठन कर लिया गया है। सभी 313 मतदान केंद्रों में रैंप, पेयजल, छाया, फर्नीचर, टॉयलेट, विद्युत की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। दिव्यांग वोटर्स के लिए दो-दो व्हीलचेयर भी रखी जाएंगी।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में कुल 2563 दिव्यांग और 356 मतदाता 80 वर्ष से अधिक उम्र के चिन्हित हैं। इन्हें पोस्टल बैलेट के लिए प्रपत्र दिए गए थे। इनमें से कुल 914 दिव्यांग और 80 प्लस श्रेणी के मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान की सहमति दी है। विधानसभा क्षेत्र में 525 सर्विस वोटर हैं, जबकि ईडीसी और कोविड सस्पेक्ट कोई मतदाता नहीं है।

 मतगणना और स्ट्रांग रूम के लिए शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्रमांक-1 को चयनित किया है। यहां मतगणना के लिए 3 कक्ष और स्ट्रांग रूम के लिए पांच कक्षों में व्यवस्था की गई है।
     आदर्श आचार संहिता और धारा 144 के पालन में जिला बदर के 48 में से 9 प्रकरणों में जिला बदर और एक प्रकरण में रासुका की कार्यवाही की गई है। एमसीसी के उल्लंघन पर दो एफआईआर दर्ज कर अपराध दर्ज किया गया है। मतदाता जागरूकता की गतिविधियों में बेहद कम मतदान प्रतिशत वाले गांवों में विशेष फोकस किया जा रहा है।

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