ग्वालियर। सेंट्रल जेल में हत्या के अपराध के कारण उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी राजेश दुबे ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया है ताकि वह एक नई जिंदगी शुरु कर सकें। हत्यारों के प्रति समाज में दया भाव नहीं होता परंतु राजेश दुबे और उनकी पत्नी का एक दूसरे के प्रति समर्पण देखकर ना केवल जेल प्रशासन भावुक हो गया बल्कि कोर्ट ने भी निर्धारित नियमों को स्थगित करते हुए तत्काल तलाक मंजूर कर दी।
मामला ग्वालियर सेंट्रल जेल के कैदी राजेश दुबे का है। ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि राजेश की शादी को 11 साल हो चुके हैं। उसका दांपत्य जीवन काफी सुखी रहा है। हत्या के मामले में अपराधी घोषित किए जाने के बाद उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई। उसकी पत्नी उससे मिलने के लिए नियमित रूप से जेल में आती थी। दोनों के बीच काफी अच्छी बॉन्डिंग थी। फिर अचानक राजेश ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी भेज दी। पूरा जेल प्रशासन हैरान था। साजिश और उसकी पत्नी के बीच कोई तनाव नहीं था। उनका प्रेम दिखाई देता था।
काउंसलिंग के दौरान राजेश दुबे ने कोर्ट को बताया कि हत्या के अपराध में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उसे अब पूरी उम्र जेल में ही बितानी है। पत्नी को बाहर नर्क जैसी जिंदगी भोगनी पड़ेगी। वह दाने-दाने को मोहताज हो जाएगी। जो अपराध मैंने किया है उसकी सजा मेरी पत्नी को क्यों मिले। इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी को विधिवत तलाक दिया जाए ताकि वह दूसरी शादी करके अपनी नई जिंदगी शुरु कर सके।
कोर्ट ने हत्यारे राजेश दुबे की भावना का सम्मान करते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। चौंकाने वाली बात यह है कि अंतिम समय तक उसकी पत्नी तलाक के लिए तैयार नहीं थी। पहली बार काउंसलर को एक महिला को तलाक के लिए राजी करना पड़ा।
इस केस में सबसे खास बात यह रही कि कोर्ट ने दोनों को आपसी समझाइश के लिए छह महीने का कूलिंग पीरियड भी नहीं दिया, जो अक्सर तलाक के मामलों में दिया जाता है। कोर्ट ने तत्काल तलाक मंजूर कर लिया। मामले में जब काउंसलिंग की जा रही थी, तब कभी पत्नी रो रही थी तो कभी पति। दोनों एक दूसरे से बिछड़ना नहीं चाहते थे।