टीकमगढ़ एमपीईबी का कार्यपालन अभियंता अखिलेश प्रसाद त्रिवेदी को लोकायुक्त पुलिस सागर ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। त्रिवेदी ने 50 हजार रुपए नकद लिए और रिश्वत के बाकी के 50 हजार रुपए का चेक लिया। त्रिवेदी ने 6 महीने के भीतर फरियादी द्वारा रुपए देने पर चेक वापस करने का वादा किया गया था। टीकमगढ़ जिले के गांव रानीगंज के रहने वाले किशोर सिंह दांगी ने एसपी लोकायुक्त सागर रामेश्वर यादव को शिकायत की थी कि उसकी गांव में चक्की है, कोरोना के कारण वह बिल जमा नहीं कर सका। कुछ दिनों पहले एमपीईबी की फ्लार्इंग स्क्वॉड ने उसके यहां पर चार लाख रुपए की बिजली का बिल निकाल दिया। जिस पर उसने इतनी रकम जमा करने में असमर्थता जताई।
एमपीईबी के ईई से मिलने पर दांगी से कहा गया कि प्रकरण को दो लाख रुपए का कर देंगे, लेकिन बचे हुए दो लाख में से 1 लाख रुपए ईई को देना होंगे। जब दांगी ने एक लाख रुपए नहीं होने की बात की तो ईई की तरफ से कहा गया कि 50 हजार रुपए नकद दे और 50 हजार रुपए का चेक दें और 6 महीने के अंदर रुपए देने पर अपना चेक वापस ले जाएं। इस शिकायत की पुष्टि करने के बाद आज सुबह लोकायुक्त पुलिस टीकमगढ़ पहुंची। जहां पर त्रिवेदी के सुभाष कॉलोनी स्थित आवास पर जैसे ही दांगी ने उन्हें 50 हजार रुपए दिए और 50 हजार रुपए का चेक दिया, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस की निरीक्षक मंजू सिंह और स्टॉफ ने उन्हें दबोच लिया।
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों ने करप्शन के खिलाफ मुहिम तेजी से चलाई जा रही है। कुछ दिनों से रोज किसी ने किसी अधिकारी पर कार्रवाई की जानकारी आ रही है। गुरुवार को ही शिवपुरी में सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक के घर ईओडब्ल्यू की रेड में पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है। इससे पहले (ईओडब्ल्यू) ने देवास जिले में वन विभाग के रेंजर को एक सरपंच से 20,000 रुपये की रिश्वत लेते बुधवार को रंगे हाथों पकड़ा। ईओडब्ल्यू ने रेंजर की संपत्तियों की जांच शुरू करते हुए उसके घर से 2.24 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि योजनाओं में पैसे लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके चलते भी कार्रवाई में तेजी आई है।