भोपाल |  मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सीधे बिजली लाइन से तार डालकर बिजली के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि संबंधित लाइन कर्मचारी एवं मीटर वाचक का यह दायित्व है कि वे अपने क्षेत्रांतर्गत बिजली लाइन से सीधे तार डालकर बिजली का उपयोग करने वाले उपयोकर्ताओं की जानकारी वितरण केन्द्र/जोन प्रभारी को उपलब्ध करायें ताकि सख्ती से ऐसे मामलों की जांच की जा सके और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज कर उनके विरूद्ध विद्युत प्रदाय संहिता में निहित प्रावधानों के अनुसार बिलिंग की जा सके।

    कंपनी ने कहा है कि विद्युतीकृत कॉलोनियों एवं क्षेत्रों में नये कनेक्शन देने में विलंब नहीं किया जाए। ऐसी कॉलोनियॉं जो अविद्युतीकृत हैं उनमें निवासरत लोगों को स्थाई कनेक्शन देने के लिए बाह्य विद्युतीकरण के लिए प्रेरित किया जाए ताकि विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने पर नियमानुसार राशि जमा करते हुए स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जा सके।

ऐसे परिसर जो कि अवैध कॉलोनी के क्षेत्रान्तर्गत आते हैं, उन्हें मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2021 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कार्य निष्पादित करने हेतु बाध्य किया जाएगा एवं उनके विद्युतीकरण हेतु प्राक्कलन बनाकर सार्वजनिक रूप से घोषित करते हुए नियत प्रति किलोवॉट दर तथा अन्य सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस इत्यादि जमा कराते हुए विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे। कंपनी ने कहा है कि मीटर बायपास कर अथवा लाइन में कट/जोड़ लगाकर अनधिकृत रूप से विद्युत का उपयोग कर रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। मीटर में छेड़छाड़ करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही की जाए और उनके खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर विद्युत प्रदाय संहिता में दिए गए प्रावधानों के अनुसार बिलिंग की जाए।

    गौरतलब है कि बिजली चोरी के मामलों में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के तहत बनने वाले मुकदमों के तहत कठोर कार्यवाही के प्रावधान हैं यहॉं तक कि दोषी उपभोक्ताओं को जेल भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि बिजली चोरी के प्रकरणों में आरोप सिद्ध पाये जाने पर जुर्माना या कारावास या दोनों सजाओं का प्रावधान है।  

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