भोपाल।  ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण चंबल एक्सप्रेस-वे (अटल प्रोग्रेस-वे) का निर्माण तेज गति से कराने के लिए राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के बदले प्रभावितों को दोगुनी जमीन देगी। लोक निर्माण विभाग इसका प्रविधान करने जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। केंद्र सरकार ने शिवराज सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी देते हुए इसे भारतमाला परियोजना के पहले चरण में शामिल किया है।

312 किमी लंबा यह मार्ग श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से गुजरेगा। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण को राज्य सरकार 1523 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित कर चुकी है। लोक निर्माण विभाग ने निजी भूमि के अधिग्रहण की तैयारियां कर ली हैं। परियोजना में 1249 हेक्टेयर निजी भूमि आ रही है। कई जगह पर किसान आपसी सहमति से जमीन देने के लिए तैयार हैं। वहीं, परियोजना के दायरे में 291 हेक्टेयर वनभूमि भी आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भूमि अधिग्रहण राज्य सरकार को कर निर्माण एजेंसी को सौंपना है। इसके अलावा, बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जिले में अतिवर्षा और बाढ़ से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के लिए प्रति आवास छह हजार रुपये की सहायता देने के निर्णय के अनुमोदन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। इंदौर सहकारी दुग्ध संघ में 80 करोड़ रुपये की लागत से तीस टन प्रतिदिन क्षमता का मिल्क पावडर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की ऋण सहायता राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से प्राप्त करने सरकार गारंटी देगी।

बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जिले में अतिवर्षा और बाढ़ से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के लिए प्रति आवास छह हजार रुपये की सहायता देने के निर्णय का अनुमोदन किया जाएगा। बता दें कि 62 हजार पक्के-कच्चे मकान पूरी तरह या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। नए आवास के निर्माण में कम से कम छह माह का समय लगता है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 6 हजार रुपए प्रति आवास आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है। इस पर सरकार पर करीब 4 करोड़ रुपये का वित्तीय भार संभावित है।

उमरिया में BJP कार्यालय के लिए पट्टे पर दी जाएगी जमीन
सरकार भारतीय जनता पार्टी को उमरिया में कार्यालय बनाने के लिए 0.20 एकड़ भूमि 30 साल के स्थायी पट्टे पर आवंटित करेेगी। कलेक्टर के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रविधानों के तहत भूमि आवंटन का प्रस्ताव भेजा है। इसमें राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को जिले में एक भूखंड दिया जा सकता है। भूखंड वित्तीय वर्ष 2021-22 की कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय प्रविधान के अनुसार शुल्क लेकर आवंटित किया जाएगा।

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