भोपाल। लखीमपुर की घटना को लेकर कांग्रेस भाजपा में तकरार जारी है। इसी कड़ी में सीतापुर गेस्ट हाउस में पुलिस हिरासत में रखी गई कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पुराने दिन याद दिलाए हैं। उमा भारती ने कहा है कि प्रियंका को इस मामले में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही 1984 के दंगों को याद कराते हुए कहा कि 10 हजार सिखों को जिंदा भूनने वाली कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता।
उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि यूपी की कांग्रेस की महासचिव वाड्रा और अन्य कांग्रेस के नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं हैं, उन पर न बोलें। एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधी जी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू ने ध्वस्त कर दिया। फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए। उमा भारती यही नहीं रुकी उन्होंने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि 1984 में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ही 10 हजार सिखों को जिंदा भूना था। कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता। इसके साथ ही उमा भारती ने कांग्रेस को सलाह दी है कि किसानों की समस्याओं के सुलझाने के लिए सरकार के साथ सहयोगी और सकारात्मक रुख रखे।