लंदन। इंग्लैंड के डार्लिंगटन में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स ने नशे की हालत में गर्लफ्रेंड से शारीरिक संबंध बनाते समय उसका गला दबा दिया, जिसके बाद महिला की मौत हो गई। इस मामले में टेसाइड क्राउन कोर्ट ने दोषी को पांच साल से कम की सजा दी, जिस पर अटॉर्नी जनरल ने सवाल उठाए हैं और उनके हस्तक्षेप के बाद सजा बढ़ाई जा सकती है। डार्लिंगटन के रहने वाले 32 वर्षीय सैम पायबस को अपनी गर्लफ्रेंड सोफी मॉस की हत्या के मामले में टेसाइड क्राउन कोर्ट ने पिछले महीने चार साल और आठ महीने सजा सुनाई है। पायबस पहले से शादीशुदा है, जबकि 33 साल की सोफी भी दो बच्चों की मां थीं।
अटॉर्नी जनरल ने गर्लफ्रेंड की मौत के मामले में शख्स को मिली जेल की सजा को ‘अनुचित रूप से उदार बताया है और अदालत में अपील की है, जिसके बाद दोषी की सजा को बढ़ाने की चर्चा हो रही है। डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि अटॉर्नी जनरल ने सैम पायबस की सजा को अपील के लिए फिर से अदालत में भेज दिया है, क्योंकि वह सहमत हैं कि यह अनुचित रूप से उदार फैसला है। टेसाइड क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया था कि सैम पायबस ने इस साल फरवरी महीने में ब्रिटेन के डार्लिंगटन में 24 बोतल बियर पीने के बाद सोफी मॉस से उसके फ्लैट में शारीरिक संबंध बना रहा था और इस दौरान वह दस सेकंड या यहां तक कि करीब मिनटों तक प्रेमिका के गले पर दबाव डालता रहा था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
सैम पायबस ने जांचकर्ताओं को बताया था कि वह बहुत नशे में था और जो कुछ हुआ था उसके बारे में उसे बहुत कम याद था। उसने बताया कि जब वह अगली सुबह उठा तो उसने सोफी को नग्न पाया और वो कोई जवाब नहीं दे रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, पाइबस ने मदद के लिए इमरजेंसी नंबर 999 पर कॉल नहीं किया और डार्लिंगटन पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने से पहले 15 मिनट तक अपनी कार में बैठकर सोचता रहा था कि आगे क्या करना है। पोस्टमॉर्टम में पुष्टि हुई कि सोफी मॉस की मौत गला घोंटने से हुई है। पैथोलॉजिस्ट ने बताया कि मौत बहुत लंबे समय तक या जबरदस्ती गला घोंटने से हुई, हालांकि सोफी की बॉडी पर किसी अन्य तरह की हिंसा या चोट के निशान नहीं थे। अब इस मामले में कोर्ट को तय करना है कि दोषी सैम पायबस सजा बढ़ाई जाए या नहीं। जस्टिस पॉल वॉटसन क्यूसी ने पिछले महीने पायबस को चार साल और आठ महीने जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद वीमेन राइट्स कार्यकर्ता ने भी सजा पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि ऐसा लगता है कि एक महिला की गला घोंटकर हत्या करना अभी भी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है, ना कि भयानक गंभीर हिंसा के रूप में।