भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कृषि की आय को दोगुना करने के संकल्प को पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार पाँच बिन्दु पर कार्य कर रही है। कृषि का उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत कम करना, किसानों को उत्पादन का सही मूल्य दिलाना, नुकसान की भरपाई करने और किसानों को कृषि के विविधीकरण के लिए प्रेरित करने की दिशा में सघन प्रयास जारी हैं। सिंचाई, उत्पादन बढ़ाने का मूल आधार है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश की संपूर्ण कृषि योग्य भूमि सिंचित हो। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप ही प्रदेश की सिंचाई क्षमता बढ़कर 42 लाख हेक्टेयर हो गई है। किसानों को खाद और बीज समय पर मिले, जरूरत पड़ने पर ब्याज जीरो प्रतिशत पर उपलब्ध हो। राज्य सरकार इस प्रकार के सभी कार्यों के प्रति विशेष संवदेनशील और सक्रिय है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सशक्त और समृद्ध किसान का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरा हो रहा है। पीएम सम्मान निधि, पीएम किसान मानधन, पीएम फसल बीमा और समर्थन मूल्य में वृद्धि जैसे फैसलों से किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ)का गठन

मुख्यमंत्री चौहान ने जन-कल्याण और सुराज के 20 वर्ष पूर्ण होने पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के कार्यक्रम में 50 बीज ग्रामों का शुभारंभ किया। मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने हितग्राहियों को नि:शुल्क बीज मिनीकिट वितरित किये। कृषक उत्पादक संगठनों का गठन और कृषि अधोसंरचना निधि के अंतर्गत हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत कन्या-पूजन और मध्यप्रदेश गान से हुई।

उन्नत यंत्रों, जैविक उत्पादों पर प्रदर्शनी का आयोजन

मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री तोमर और प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के साथ मिंटो हाल परिसर में लगी कृषि के उन्नत यंत्रों, जैविक उत्पादों और एक जिला एक उत्पाद पर केंद्रित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला, विकासखंड, ग्राम पंचायत, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि उपज मंडियाँ, एपीओ मुख्यालय तथा प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालय जुड़े।

गेहूँ उपार्जन में पंजाब को पीछे छोड़ा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसान के उत्पादन की लागत को नियंत्रित रखने के लिए ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने देश में डीएपी की कीमत नहीं बढ़ने दी। प्रदेश में नर्मदा का जल क्षिप्रा नदी में लाने के संकल्प को पूर्ण करना, विकास और जन-भावनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। किसानों के हित के संरक्षण के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। इसी के परिणामस्वरूप कोरोना के कठिन काल में भी हमने 01 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन कर पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया। किसानों की चिंता करते हुए हमारी सरकार ने पुराने वर्षों का बकाया 2200 करोड़ रू. की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान किया। परिणामस्वरूप किसानों को 3200 करोड़ रू. की दावा राशि का भुगतान संभव हुआ।

कम भूमि वाले किसानों को मिल रही 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष की सहायता

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन किसानों के पास खेती योग्य भूमि कम है, उनकी चिंता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना चलाई जा रही है। इन योजनाओं से किसानों को 10 हजार रूपए प्रति वर्ष मिल रहा है। यह सहयोग किसानों के सशक्तिकरण के लिए किया जा रहा है।

कृषि का विविधीकरण आवश्यक

 मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भूमि के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए कृषि का विविधीकरण आवश्यक है। लगातार एक फसल लेने से भूमि की उत्पादकता घटती है। फसलों को बदल-बदल कर लेते हुए व्यवस्थित फसल चक्र अपनाकर उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। राज्य शासन द्वारा कोरोना को नियंत्रित करने के बाद कृषि महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव में वैज्ञानिक गाँव-गाँव जाकर कृषकों को कृषि के विविधीकरण और फसल चक्र के बारे में उनके क्षेत्र और परिस्थितियों के अनुसार मार्गदर्शन देंगे।

नैनो यूरिया किसानों को किया वितरित

मुख्यमंत्री चौहान ने इफ्को द्वारा तैयार नैनो यूरिया किसानों को वितरित करते हुए कहा कि यह तरल यूरिया 10 प्रतिशत सस्ता है और स्प्रे कर सकने के कारण यह अधिक फसल क्षेत्र को कवर करता है। यह कम लागत का होने के साथ-साथ अधिक लाभप्रद भी है। इस प्रकार की सामग्री का उपयोग करने से भी कृषि उत्पादन की लागत कम होती है।

मध्यप्रदेश का उल्लेख पंजाब और हरियाणा से पहले आता है

केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिवस पर कृषकों के लिए ऐसे कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित करना मुख्यमंत्री चौहान की परिकल्पना के परिणामस्वरूप ही संभव है। वर्ष 2003 के पूर्व कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों में मध्यप्रदेश का कहीं उल्लेख नहीं होता था। मुख्यमंत्री चौहान के अभिनव प्रयासों, किसानों को तकनीक से जोड़ने, मुसीबत के समय उनके साथ खड़े होने के परिणामस्वरूप अब जब भी देश में कृषि की चर्चा होती है तो मध्यप्रदेश का उल्लेख पंजाब और हरियाणा से पहले आता है। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में सिंचाई और बिजली की उपलब्धता बढ़ी है, परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र और उत्पादन भी बढ़ा है।

पॉम ऑयल का देश में उत्पादन बढ़ने से खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता बढ़ेगी

 केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कम रकबे वाले किसानों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए एफपीओ (कृषि उत्पादक संगठनों) की अवधारणा को क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में कृषि अधोसंरचना की कमियों को भरने के लिए 01 लाख 50 हजार करोड़ रू. की उपलब्धता कराई गई है। देश में पॉम ऑयल के क्षेत्र में काम करना आवश्यक है। वर्तमान में देश में 80 हजार करोड़ रू. का खाद्य तेल आयात होता है, जिसमें 56 प्रतिशत हिस्सा पॉम ऑयल का है। पॉम ऑयल का देश में उत्पादन बढ़ने से खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता बढ़ेगी।  

बिचौलिए बाहर होंगे और किसान का मुनाफा बढ़ेगा

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि किसान का बेटा अब प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकता है। इसके लिए उसे आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व के परिणामस्वरूप ही संभव हुआ है। इससे किसान अब केवल उत्पादन ही नहीं करेगा अपितु अपनी उपज की प्रोसेसिंग कर उसकी मार्केटिंग भी करेगा। परिणामस्वरूप बिचौलिए बाहर होंगे और किसान का मुनाफा बढ़ेगा। प्रदेश के  कृषि प्रक्षेत्रों में जैविक बीज का उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को आधुनिक खेती सहित जैविक खेती पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। हमारा उद्देश्य कम लागत पर अधिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करना है।

मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 71वें जन्म-दिन के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में लाखों किसानों को लाभांवित किया जा रहा है। बीज ग्रामों के अंतर्गत अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल ग्रामों में विशेष कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक बीज ग्राम में 50 हितग्राही किसानों को खाद्यान्न, दलहन एवं तिलहन फसलों की नवीन किस्मों के प्रमाणित एवं उन्नत बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। पटेल ने बताया कि 10 जिलों में बीज ग्राम चयनित किये गये हैं। नि:शुल्क बीज मिनीकिट किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें उन्नत बीज हैं, जिससे कृषक नई किस्मों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे और किसानों का लाभ बढ़ेगा। मंत्री पटेल ने कहा कि एग्रीकल्चर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर फण्ड स्कीम (एआईएफ) अंतर्गत 7 हजार 440 करोड़ से 12 हजार करोड़ रूपये तक की वित्तीय सुविधा का आवंटन मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। मंत्री पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार की मंशानुरूप किसानों की आय को बढ़ाने के लिये किसान उत्पादक संगठनों का भी गठन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों से किया संवाद

मुख्यमंत्री चौहान ने होशंगाबाद के कृषक ईश्वर दास, विदिशा के विपिन त्रिपाठी और देवास के बाबूलाल से वर्चुअली संवाद भी किया। विदिशा के विपिन त्रिपाठी ने पराली अर्थात् नरवाई से बॉयो फ्यूल बनाने की अपनी परियोजना की जानकारी दी।  

आई.ए.एफ. अंतर्गत हितलाभ वितरित

मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि अधोसंरचना निधि के अंतर्गत होशंगाबाद के शिवम अग्रवाल को पैकेजिंग यूनिट के लिए एक करोड़ 50 लाख, भोपाल के अजय गुप्ता को वेयर हाऊस के लिए 01 करोड़ 03 लाख, भोपाल की श्रीमती आरती सोनी को वेयर हाऊस के 01 करोड़ 10 लाख, भोपाल की ही श्रीमती अरूणा पाटीदार को वेयर हाऊस के लिए 01 करोड़ 10 लाख, सीहोर के मोहित खण्डेलवाल को दाल मिल के लिए 07 करोड़, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति जामनेर (शाजापुर) और वेयर हाऊस और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति टिंगजपुर को ऋण राशि के चेक तथा स्वीकृति पत्र प्रदान किए। दमोह, रायसेन, मुरैना और बड़वानी के कृषि उत्पादक संगठनों को हितलाभ वितरित किया गया।

बीज के मिनीकिट वितरित

मुख्यमंत्री चौहान द्वारा बीज ग्रामों का शुभारंभ करते हुए भोपाल के ग्राम तरावली के कैलाश सिंह, हिम्मत सिंह, ग्राम मदनई के हमीर सिंह, रायसेन के ग्राम मुण्डला के रविशंकर मीणा और ग्राम बम्हनई के धर्मवीर सिंह को चने के प्रमाणिक एवं उन्नत बीज प्रदान किए गए। इसी क्रम में होशंगाबाद के ग्राम खोजनपुर की श्रीमती भागीरथी, भोपाल जिले के ग्राम सेमरीखुर्द के ज्ञान सिंह, सीहोर जिले के धामनखेड़ा के सुखराम, राजगढ़ के ग्राम तिन्दौनिया के रामसिंह और हरदा के ग्राम सोनतलाई के महेन्द्र सिंह को सरसों की नि:शुल्क बीज मिनीकिट प्रदान की गई। पूर्व कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि अजीत केसरी उपस्थित थे। 

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