भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच प्रदेश में बढ़ते डेंगू-चिकनगुनिया के मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।  सीएम ने आज कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा बैठक में ताकीद किया है कि उपचार में किसी तरह की कमी न होने पाए। ऐसी स्थिति के बीच जूडा की हड़ताल के चलते मामला और गरमा सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन जिलों में पहले डोज की पेंडेंसी है, उसे 30 सितम्बर तक सौ फीसदी हासिल करना है। इन जिलों के लिए प्रति दिवस अधिकतम डोज लगाने की क्षमता के मान से साप्ताहिक डोज लगाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसलिए इन मामलों में भी सतर्कता बरतना है और उपचार में किसी तरह की कमी नहीं आने देना है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक और डेंगू चिकनगुनिया मामलों की जिलेवार समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि हमें कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर यह काम पूरा करना है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री, सीएस, पीएस हेल्थ, डायरेक्टर हेल्थ, सेक्रेटरी मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारी  उपस्थित रहे। पीएस हेल्थ द्वारा वैक्सीनेशन कार्यक्रम का प्रेजेंटेशन दिया गया।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिले में आयुष्मान भारत अंतर्गत डेंगू के रोगियों का निशुल्क उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश देते डेंगू रोगियों के उपचार के लिए जिला अस्पतालों में 10 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टरों को जिले में रैपिड रिस्पांस टीम बनाने के निर्देश भी सीएम ने दिए हैं। इसके अलावा डेंगू रोकथाम के लिए लार्वा सर्वे एवं फोगिंग कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्रो में आशा, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मी तथा शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन, नगर निगम का सहयोग लिया जाएगा।  मच्छर के लार्वा शून्य होने तक प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा गतिविधियां चलती रहें।

मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलों जहां पर वैक्सीनेशन कम हुआ है वहां के कलेक्टरों से कहा कि वोटर लिस्ट के आधार पर घर-घर शत प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाए। इससे लोगों की पहचान करने में आसानी होगी कि किसे वैक्सीन लग चुका है और किसे नहीं लगा है। बैठक में मुख्यमंत्री ने 17 सितंबर को आयोजित होने वाले वैक्सीनेशन अभियान की जानकारी दी। सीएम चौहान ने डेंगू निराकरण के लिए मंदसौर, जबलपुर, रतलाम, आगर मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर जिलों में प्रशासन विशेष ध्यान देने के लिए कहा।

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