इंदौर। इंदौर हाई कोर्ट ने मंदसौर में 7 वर्ष की मासूम छात्रा को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म मामले में दोनों आरोपियों इरफान व आसिफ की फाँसी की सजा की सजा बरकरार रखी हैं।

न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं न्यायमूर्ति शैलेन्द्र शुक्ला की खंडपीठ ने अपने फैसले में लिखा कि यह वीभत्स घटना है व नाबालिग बच्चो के साथ बढ़ते अपराधों को देखते हुए फाँसी बरकार रखना आवश्यक है।
प्रकरण में शासन की और से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव व न्यायमित्र के रूप में एडवोकेट अमित दुबे ने तर्क रखे।

यह था मामला
26 जून 2018 की शाम 5.30 बजे मंदसौर में 7 वर्षीय बालिका का स्कूल के पास से अपहरण कर आरोपी आसिफ और इरफान पास के जंगल में ले गए थे। जहां बालिका के साथ दुष्कर्म किया और उसका गला चाकू से रेंत कर मृत समझकर वहां से फरार हो गए थे। 27 जून को दोपहर में बालिका लड़खड़ाते हुए बाहर आई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पीड़िता का लंबे य इंदौर में उपचार चला था।

पुलिस द्वारा इस मामले में 12 जुलाई 2018 को जिला न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई थी। 14 अगस्त 2018 को अंतिम बहस हुई थी। न्यायाधीश ने 21 अगस्त 2018 को उक्त दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने भी इस सजा को कन्फर्म कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *