ग्वालियर शिक्षक दिवस पर आजभारत विकास परिषद शाखा समर्पण ने संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत प्रांतीय प्रकल्प सयोंजक श्रीमती अलका कुशवाह के मुख्य आथित्य में 6 महिला शिक्षकों का सम्मान महाराज बाड़े पर 2 मिनिट राष्ट्र के नाम कार्यक्रम मे राष्ट्रगान के सम्पन्न होने के बाद किया। इस कार्यक्रम में संजीवनी सुनील मराठा, अंजू चन्देल,पावनि दूदावत, शशि लक्षणे, सोनिया ढोढ़ी एवम डॉ रितु दास पवांर का सम्मान श्रीफल शॉल मोतियों की माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर संस्थापक एवम प्रांतीय संस्कार प्रमुख संजय धवन अध्यक्ष गुलाब प्रजापति , उपाध्यक्ष गिरीश अग्रवाल व सचिव प्रदीप लक्षणे के द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम मातृशक्ति द्वारा आयोजित किया गया था इसमे मधु धवन, मधु धीमान, विम्मी सचदेवा, शशि लक्षणे,पुष्पा प्रजापति, शशि अग्रवाल, लता पवांर आदि ने विशेष सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। गिरीश अग्रवाल जी ने अपने सम्बोधन में गुरु की महिमा को बताते हुए कहा कि हमारे देश मे माता पिता के बाद गुरु का सर्वोच्च स्थान होता है सभी सम्मानित होने वाली शिक्षिकाओं के सम्मान में आपने कहा कि ,
जल जाता है वो दिए की तरह, कई जीवन रोशन कर जाता है।
कार्यक्रम का प्रारंभ अध्यक्ष गुलाब प्रजापति के स्वागत भाषण से हुआ, अलका कुशवाह ने शाखा समर्पण के द्वारा किये जा रहे 2 मिनिट राष्ट्र के नाम कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रंशसा की व आज होने वाले शिक्षक दिवस पर सम्मानित होने वाले सभी को बधाई दी है। संजय धवन ने संस्कृति सप्ताह में होने वाले सभी कार्यक्रमों के बारे विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम में संजय धवन , गुलाब प्रजापति ,गिरीश अग्रवाल , प्रदीप लक्षणे , महेश धीमान , विजेंद्र कुशवाह , सतीश राजोरिया ऋषभ कान्दू , कमल गुप्ता , रजत , नरेन्द्र शिवहरे , अंजलि बंसल, मधु धवन मधु धीमान, विम्मी सचदेवा ,पुष्पा प्रजापति , शशि अग्रवाल, शशि लक्षणे ने अपनी उपस्थिति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन गिरीश अग्रवाल के द्वारा किया गया । आभार प्रदर्शन प्रदीप लक्षणे ने किया। हर बार की तरह सभी सम्मानित होने वालों को एक एक पौधा सचिव प्रदीप लक्षणे के द्वारा दिया गया। इसके लिए आपको शाखा समर्पण व राष्ट्रगान परिवार कीतरफ से बहुत बहुत साधुवाद। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए मधु धवन मधु धीमान विम्मी सचदेवा जी को शाखा समर्पण की और से बहुत बहुत बधाई। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी प्रदीप लक्षणे जी ने दी।