भोपाल। प्रशासन और पर्यावरण विभाग के मूर्तिकारों को मिट्टी के श्रीगणेश निर्माण के दिशा-निर्देश और कोरोना की तीसरी लहर की आंशका के चलते इस बार शहर में मांग के हिसाब से काफी कम गणेशजी की प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है, वहीं लागत बढऩे से इस बार गणपति बप्पा को अपने घर लाना भक्तों को काफी महंगा पड़ेगा। कई मूर्तिकारों ने अपना पुराना स्टॉक ही इस बार बाजार में उपलब्ध कराया है, पुरानी मूर्तियों का रंग-रोगन किया गया है। इस बार गणेश महोत्सव 10 सितंबर से शुरू हो रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते महानगर में मूर्ति निर्माण स्थलों पर सन्नाटा पसरा पड़ा हुआ है। ऐसे में भक्तों को 1 फीट से अधिक ऊंचाई वाली भगवान गणेश की प्रतिमा मिल सकने की संभावना कम ही है, क्योंकि शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देश के बाद बड़ी मूर्तियां नहीं के बराबर बनी हैं। शहर में हर साल गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। बाजारों से लेकर गलियों तक में गणेश उत्सव के लिए आकर्षक पंडाल सजाए जाते हैं, लेकिन दूसरा साल भी सब सूना-सूना रहेगा। मूर्तियां काफी महंगी, भगवान गणेश की जो प्रतिमा 5 फीट की पिछले साल पांच हजार रुपये में मिलती थी, वह इस बार इन रुपयों में ढाई फीट की प्रतिमा मिल रही है।घर में ही रहकर मनाना पड़ेगा गणेशोत्सवत्योहारों को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन के तहत इस बार भी घरों में रहकर ही गणेशोत्सव शहरवासियों को मनाना पड़ेगा। शहर में इस बार भी श्रीगणेशजी के बड़े पंडाल और झांकियां नहीं सज सकेंगी और न ही कोई बड़ा आयोजन हो सकेंगे। इसके पहले ईद, मोहर्रम, जन्माष्टमी के आयोजन भी शहर में नहीं हो सके थे। मटकी फोड़ को भी अनुमतियां नहीं दी गई थीं। गणेशोत्सव के तहत मंदिरों में भीड नहीं होने दी जाएगी। कोरोना वायरस के चलते प्रशासन जरूरी कदम उठा रहा है। इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति स्थापना और कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकेगा। हालांकि शहर राजनीतिक गतिविधियां जारी हैं।

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