भोपाल. मध्य प्रदेश के 98 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी में कटौती करने की तैयारी शिवराज सिंह चौहान सरकार ने की है. बिजली कंपनियों का घाटा कम करने और सब्सिडी को लेकर गठित मंत्रिमंडल समूह ने सरकार को अपनी सिफारिशें दी हैं. मंत्रिमंडल समूह ने बिजली सब्सिडी में कटौती की सिफारिश सरकार को दी है. मंत्रिमंडल समूह के मुताबिक जो लोग इंदिरा ग्रह ज्योति योजना के दायरे में आते हैं अभी इन्हें महीने में 100 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 का बिल देना पड़ता है. जबकि 101 से लेकर 150 यूनिट तक जितनी बिजली खर्च हुई उसका पैसा निर्धारित घरेलू उपभोक्ताओं की दर के अनुसार देना पड़ता है. इस पर सरकार कि 4786 करोड़ रुपये की सब्सिडी लगती है.
मंत्रिमंडल समूह ने सरकार को सिफारिश की है कि 100 यूनिट के लिए तो 100 रुपये लिए जाएं, लेकिन यदि 101 यूनिट हो जाए तो एक से 101 यूनिट तक का बिल वास्तविक घरेलू दर पर ही लिया जाए। अभी घरेलू दर औसतन 8. 40 पैसे प्रति यूनिट है. मंत्रिमंडल ने अपनी सिफारिश राज्य सरकार को दी है. मंत्रिमंडल समूह में इंदिरा किसान ज्योति और इंदिरा ग्रह ज्योति योजना का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेई के नाम करने पर की सिफारिश भी सरकार को की है.
बिजली सब्सिडी में कटौती और इंदिरा ग्रह ज्योति योजना का नाम बदले जाने को लेकर की तैयारी पर कांग्रेस भड़क उठी है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि यदि इंदिरा ग्रह ज्योति योजना का नाम बदला जाता है तो कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी. कांग्रेस विधायक ने कहा है कि सिर्फ योजना का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. सरकार को तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय हुए फैसलों और सस्ती बिजली की योजना को जारी रखना होगा. यदि सरकार योजना में बदलाव करती है तो कांग्रेसी सड़कों पर उतर कर इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे.
असल मंत्रिमंडल समूह ने बिजली कंपनियों का घाटा कम करने के लिए और सरकार पर पड़ने वाले भार को सीमित करने के लिए कई अहम सुझाव राज्य सरकार को दिए हैं. बिजली सब्सिडी में कटौती के साथ किसानों की सब्सिडी घटाने के भी साथ प्रस्ताव शामिल हैं. सब्सिडी आधार से जोड़ने और एक कार्ड पर एक ही सब्सिडी दिए जाने की सिफारिश की गई है. साथ ही मंत्रिमंडल समूह में सभी तरह की सब्सिडी बंद कर एक किसान को साल में एक बार 50000 सीधे सब्सिडी के रूप में देने का भी सिफारिश की है. पहले कनेक्शन पर प्रति हॉर्स पावर 1500 रुपये, दूसरे पर दो हजार, तीसरे पर ढाई हजार और चौथे पर 3000 राशि लेने का सुझाव भी दिया गया है.
बिजली सब्सिडी कम करने के मंत्रिमंडल समूह के सुझाव पर मंत्री विश्वास सारंग का बयान आया है. उन्होंने कहा कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने बिजली कंपनियों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया. कांग्रेस सरकार के कारण ही बिजली कंपनियां करोड़ों के घाटे में पहुंची. बीजेपी सरकार कंपनियों को घाटे से उबारने में लगी, जो जरूरी कदम होंगे वह उठाए जाएंगे. दरअसल बिजली कंपनियों का सरकारी विभागों के पास ही 1575 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें 90 फीसदी की राशि नगरी ने विकास और पंचायत ग्रामीण विकास की है. ऐसे में विभागों की वसूली के साथ सरकार पर निकल रही देनदारियों को कम करने के लिए अब सरकार कुछ नए कड़े फैसले लेने की तैयारी में है.