ग्वालियर। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच बस परिवहन सेवा पर अप्रैल माह से लगी रोक अंतत: राज्य सरकार व परिवहन विभाग ने हटा ली है। अब मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच बसों का परिवहन निर्वाध रूप से हो सकेगा। इससे यात्रियों को और बस आॅटपरेटरों को बडी राहत मिली है। लोगों को कई दिनों से से लोगों को मजबूरन निजी वाहनों से या टैक्सी आदि का सहारा उपयोग करना पड़ रहा था, जो काफी मंहगा था।  बस परिवहन शुरू होने से आम नागरिक अब सस्ते परिवहन में आ जा सकेंगे।

याद रहे कि महाराष्ट्र में मार्च में बढे कोरोना संक्रमण और लगातार बढते रहने के कारण मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने समझदारी पूर्ण निर्णय लेकर बस परिवहन पर रोक लगा दी थी, ताकि संक्रमण महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में बढ़ न सके। बीती रात मध्यप्रदेश परिवहन विभाग व राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के लिये बसों पर मध्यप्रदेश से लगाई गई रोक हटा ली है। अभी तक यह बस सेवा कोरोना संक्रमण के चलते बंद थी। लगभग ४०० से भी अधिक बसों का परिवहन बंद था, जिससे राज्य सरकार को राजस्व की भी क्षति हो रही थी।

लेकिन चूंकि मसला कोरोना संक्रमण से आम जन की रक्षा का था,  उस वक्त मप्र शासन के निर्देश पर परिवहन विभाग के आला अफसरों ने तत्काल निर्णय लेकर महाराष्ट्र सहित उत्तर प्रदेश , राजस्थान व छत्तीसगढ़ के बीच बस सेवा पर रोक लगाई थी। जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण को मध्यप्रदेश में व्यापक तौर पर फैलने से रोका जा सका था।

परिवहन विभाग के इस निर्णय की सर्वत्र सराहना भी हुई थी। बाद में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद जुलाई में उत्तर प्रदेश , राजस्थान व छत्तीसगढ़ के बीच परिवहन रोक खोल दी गई, लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण कम न होने के बाद महाराष्ट्र के लिये लगी बस परिवहन की रोक नहीं हटाई गई थी।  यह रोक बीते जुलाई-अगस्त माह में भी लगी रही थी। लेकिन अब एक सितंबर से मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के बीच बस परिवहन सेवा पर लगी रोक हटा ली गई है।

इनका कहना
महाराष्ट्र और मप्र के बीच बुधवार से  बस सेवा  से बहाल कर दी गई हैै, लेकिन कोरोना नियमों का पालन कराने पर ध्यान देना होगा।  पिछले कई समय से लोगों को मजबूरन निजी वाहनों से या टैक्सी आदि का सहारा उपयोग करना पड़ रहा था, जो काफी मंहगा था। अब बस परिवहन शुरू होने से आम नागरिक सस्ते परिवहन में आ जा सकेंगे।
अरविंद सक्सैना, अपर आयुक्त परिवहन (प्रर्वतन), मप्र

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