नई दिल्ली। Taliban के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि हमारे लड़ाके अभी महिलाओं से बात करने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। ऐसे में महिलाओं सुरक्षा के लिहाज से घर पर ही रहें। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में इस समय तालिबान का कब्जा हो चुका है। वहां से तमाम लोग घर और संपत्ति छोड़कर वापस आ चुके हैं। वहां से आई तमाम महिलाओं ने वहां के दर्दनाक हालात के बारे में बताया है। वहां से आए लोगों ने बताया कि तालिबान के आने के बाद भरंकर जुल्म ढहाया गया है। लोग बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हालांकि तालिबान ने मंगलवार को कहा था कि वह महिलाओं को कामकाज करने से नहीं रोकेगा लेकिन बुधवार को अब नया बयान जारी किया है। तालिबान ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में काम करने वाली महिलाएं काम पर कैसे लौटें, इसको लेकर तालिबान काम कर रहा है लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते फिलहाल उन्हें घर पर ही रहना चाहिए। अफगानिस्तान में 1996 से लेकर 2001 तक तालिबान का शासन था। तब महिलाओं को काम करने की आजादी नहीं थी। इसके अलावा किसी अन्य काम से भी घर से बाहर निकलने के लिए तमाम बंदिशें थीं। महिलाएं बिना सिर और पूरा शरीर ढके घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं। बाद तालिबान का शासन खत्म हो गया और अमेरिका की मदद से अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। 

  अमेरिकी सेनाओं के जाने के बाद पिछले दिनों फिर से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। तब से अफगानिस्तान में हलचल मची हुई है। लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। तालिबान के कब्जे के बाद शुरू में तालिबान के प्रवक्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके ये कहा था कि इस बार तालिबान का शासन पिछली बार से अलग होगा। अब महिलाओं को काम करने की आजादी होगी लेकिन अब तालिबान ने कहा है कि हमारे कुछ नये लड़ाके हैं, जो महिलाओं से बात करने के लिेए अभी प्रशिक्षित नहीं है। ऐसे में महिलाओं से दुर्व्यवहार की आशंका है। सुरक्षा के लिहाज से महिलाएं फिलहाल घर पर ही रहें। तालिबान के इस बयान के बाद महिलाओं में तमाम आशंकाएं फिर से बढ़ गई हैं। 

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