मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर गिरफ्तारी से बचाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। राणे के वकील अनिकेत निकम ने न्यायालय से कहा कि वह इस तथ्य पर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 ए के तहत नोटिस देने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। राणे के वकील ने कहा कि हिरासत में लेने से पहले पुलिस द्वारा नोटिस दिया जाना चाहिए था। इसके बावजूद न्यायालय ने राणे की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ता उचित प्रक्रिया का पालन करे। गौरतलब है कि राणे को ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में रत्नागिरि में पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया। याचिका में राणे के खिलाफ पुणे, नासिक और रायगढ़ के महाड में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है। इससे पहले राणे ने अग्रिम जमानत के लिए रत्नागिरि में सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली।