आगर मालवा।  शहर में सोमवार को बवाल हो गया। बाबा बैजनाथ की सवारी निकालने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े समेत कई लोगों ने प्रदर्शन किया। चक्काजाम कर दिया और पुलिस पर पथराव भी किया. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को यहां से खदेडा.

पिछले सोमवार को प्रशासन ने शाही सवारी निकाल दी थी। इस पर विधायक विपिन वानखेड़े और अनेक हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था। तब मंत्री हरदीप सिंह डंग के साथ प्रशासन की बैठक में अगले सोमवार यानि 23 अगस्त को फिर से सवारी निकालने पर सहमति बनी थी।

इसपर पालन कराने कांग्रेस विधायक और उनके समर्थक दोपहर में बैजनाथ मंदिर पहुंच गए पर मंदिर प्रशासन ने सवारी निकालने से इंकार कर दिया. इस पर लोग भड़क उठे. सवारी निकालने की मांग करते हुए मंदिर में ही धरना दे दिया. इधर कुछ लोगों ने छावनी चौराहे पर प्रदर्शन कर चक्काजाम कर दिया.

सोमवार को कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में 100 से ज्यादा लोग दोपहर 1 बजे बैजनाथ मंदिर पहुंचे थे। यहां मंदिर प्रशासन ने सवारी नहीं निकालने की बात कही। इसी बात पर लोग भड़क गए। उनका कहना था कि जब पिछले सोमवार को सवारी निकालने की बात तय हो गई थी, तो फिर आज सवारी क्यों नहीं निकाली जा रही? लोग सवारी निकालने की बात को लेकर मंदिर पर ही धरने पर बैठ गए।

उधर, कुछ युवा छावनी चौराहे पर सवारी का इंतजार कर रहे थे। उन तक ये बात पहुंची, तो उन्होंने भी प्रदर्शन शुरू कर चक्काजाम कर दिया। सूचना पर दोनों जगह पुलिस अफसर पहुंच गए। अधिकारियों ने कांग्रेस विधायक और युवा मोर्चा के अध्यक्ष मयंक राजपूत को समझाइश दी, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर ले जाने लगी। इस पर लोग और भड़क गए और पथराव शुरू कर दिया। मौके पर काफी लोग जमा हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भी लाठी मारना शुरू कर दिया।

इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. इससे पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. तब पुलिस ने लाठी भांजना शुरु कर दिया. पुलिस ने लोगों को दुकान से निकाल—निकालकर पीटा. पुलिस ने कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया.

एसडीओपी ज्योति उमठ बताया कि शनिवार को बैठक हुई जिसमें कई कारणों से सवारी नहीं निकालने का निर्णय लिया गया था. सोमवार को विधायक को यही बात बताई गई. इसके बाद भी अनुचित कदम उठाया गया. पथराव के बाद पुलिस ने मजबूरन लाठीचार्ज किया.

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