नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद देश के बहुत बुरे हालात हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों को निकालने का जिम्मा भारतीय वायुसेना के कंधों पर हैं। अमेरिकी सेना की मदद से चलाए जा रहे भारतीय रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत भारत को हर रोज दो प्लाइट ऑपरेट करने की परमिशन मिली है। इसी के चलते रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से आए 107 भारतीय नागरिकों सहित 168 यात्रियों को वायु सेना के C-17 विमान के जरिए गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया।
इस दौरान भारत पहुंची अफगानिस्तान की एक नागरिक ने वहां के हालातों के बारे में बताया। उनके मुताबिक अफगानिस्तान में रहना बहुत मुश्किल हो गया था, इसलिए मैं भारत आई हूं। मैं यहां अपनी बेटी, दामाद और उसके बच्चों के साथ आई हूं। मैं अपने घर वापस नहीं जा सकती हूं क्योंकि तालिबान ने मेरे घर को जला दिया है। हमारे भारतीय भाई-बहन हमारे बचाव में आए। मैं हमारी मदद करने के लिए भारत को धन्यवाद देती हूं।मैं भारत सरकार को धन्यवाद करती हूं।
वहीं काबुल से लौटे सभी लोगों को एयरपोर्ट पर कोरोना आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया गया। इससे पहले सुबह 87 यात्रियों को लेकर दो प्लेन दिल्ली पहुंचे थे। एक प्लेन कतर के दोहा से तो दूसरा ताजिकिस्तान की राजधानी दुसांबे से आया था। बता दें कि काबुल में तालिबानियों के कब्जे के बाद लोगों में डर का माहौल हैं। लोग दहशत में जीने को मजूबर हैं। वहीं काबुल में आए लोगों के घरों में आग लगा दी जा रही है। वहीं विरोध करने वाले लोगों पर गोलियां बरसाईं जा रही हैं।