भोपाल। विधानसभा के पावस सत्र में कोरोना से हुई मौतों और उपचार को लेकर सबसे अधिक सवाल पूछे गए। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 10506 बताई है। इसमें सबसे अधिक साढ़े छह हजार लोगों की जान कोरोना की दूसरी लहर में जाने की जानकारी दी गई है। सरकार ने विधायकों के सवाल के जवाब में कहा है कि कोरोना के दौरान आक्सीजन और उपचार की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है।
मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए समाप्त की गई सत्र की कार्यवाही के दिन ही स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सवालों के लिखित जवाब आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री चौधरी ने विधायक सुखदेव पांसे के सवाल के जवाब में बताया है कि 15 मार्च से 30 जून तक निजी और शासकीय अस्पतालों में 5918 लोगों की मौत हुई है।
इस अवधि में आक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत नहीं होने की बात मंत्री चौधरी द्वारा कही गई है। इसी जवाब में उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य बीमारी से होने वाली मौत संधारित नहीं की जाती। प्रदेश में कोरोना से 30 जून तक 10506 लोगों की मौत हुई है। उधर विधायक पीसी शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में बताया गया है कि 1 मार्च 21 से 30 जून 21 तक 6559 कोरोना पाजिटिव लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक 3208 मौतें अप्रेल में और 2952 मौत मई 2021 में हुई हैं।
लिक्विड आक्सीजन की कमी के चलते इस साल अप्रेल व मई माह में हाहाकार मचा था। अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे थे। सरकार ने आक्सीजन की उपलब्धता के लिए वायुसेना के विमानों की मदद ली थी। और तो और सरकार को टैंकरों की जीपीएस टैÑकिंग तक करनी पड़ी थी लेकिन मंत्री द्वारा आक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं स्वीकार की गई है।
मंत्री चौधरी ने कहा है कि कोरोना से सबसे अधिक जान जबलपुर में गई हैं। यहां 510 लोगों की मौत इस अवधि में हुई है। इसके बाद ग्वालियर में 501, इंदौर में 458, भोपाल में 362, रतलाम में 302 लोगों की जान कोरोना बीमारी से हुई है। मंत्री ने विधायक आलोक चतुर्वेदी को दिए जवाब में छतरपुर में कोरोना से दूसरी लहर के दौरान एक अप्रेल से 30 जून 21 के बीच मौत संख्या 454 बताई है। इसमें से 80 की मौत कोरोना से हुई है। विधायक लखन घनघोरिया के सवाल के जवाब में दोनों ही लहर में लाकडाउन के दौरान 6493 लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई है।