भोपाल । प्रदेशभर की जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों की समस्याएं जानने के लिए जेल महानिदेशक ने एक अभिनव पहल शुरू की है। अब वे हर सप्ताह जेलों में बंद कैदियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को जानेंगे। कल उन्होंने प्रदेश की 10 जेलों के 100 बंदियों से उनकी समस्याएं जानीं और अधिकारियों को हाथोहाथ उनका निराकरण करने के भी आदेश दे डाले।

      जेल महानिदेशक अरविंदकुमार सिंह ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, नरसिंहपुर, रीवा, जबलपुर सहित 10 जेलों के पांच हवालाती और पांच सजायाफ्ता बंदियों से सीधे बात की और उनसे जानना चाहा कि जेल में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं है। उन्होंने बंदियों से यह भी पूछा कि उन्हें पैरोल मिल रहा है कि नहीं। बीमार हैं तो दवाई-गोली मिलती है कि नहीं। कुछ बंदियों से उन्होंने अपराध किन परिस्थितियों में किया, उसके बारे में जानना चाहा। कुछ कैदियों ने पारिवारिक समस्या का जिक्र किया तो कुछ ने कानूनी सलाह नहीं मिलने की बात कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की खास बात यह रही कि जेल डीजी ने अचानक जेल अधिकारियों से कहा कि 10 बंदियों को भेजो और अपनी बात बंदियों  ने कहना शुरू कर दी। इस प्रकार अधिकारियों को लीपापोती करने का मौका भी नहीं मिल पाया। जेल डीजी ने चर्चा के दौरान बताया कि वे जेलों का दौरा करने के बजाय हर सप्ताह कैदियों से सीधे बात करेंगे। सेंट्रल और जिला जेल के कुछ बंदियों ने खाने की समस्या बताई, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाने की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कोताही नहीं होना चाहिए। जेल अधिकारियों से उन्होंने स्पष्ट कहा है कि कैदियों को किसी प्रकार की परेशानी आती है तो वह सीधे तौर पर कार्रवाई करेंगे और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने बंदियों को पैरोल देने, छोटी सजा से दंडित व्यक्तियों को जमानत देकर छोड़े जाने के अलावा जेलों में सुधार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब जेल मुख्यालय भी अलर्ट हो गया है।

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