ग्वालियर। ग्वालियर चंबल में आई बाढ़ के कारण प्रदेश में लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे की सौ करोड़ के पुल पुलिया बह गए हैं या जर्जर हो गए हैं। सबसे अधिक नुकसान भिंड जिले की सड़क और पुल पुलियों को हुआ है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्षति का आंकलन करने के बाद लोक निर्माण विभाग अब इन मार्गों की मरम्मत और आवागमन बहाली में तेजी से जुट गया है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए नुकसान के आंकलन में यह बात सामने आई है कि भिंड जिले में हुे 48.22 करोड़ के नुकसान में अकेले 37.8 करोड़ की क्षति पुलों की हुई है। दतिया जिला दूसरे स्थान पर है जहां 27.50 करोड़ रुपए का नुकसान पुल पुलिया बहने से हुआ है। शिवपुरी में 10.6 करोड़ और विदिशा में 8.73 करोड़ के पुल को बाढ़ का पानी बहा ले गया है।

विभाग की ओर से बताया गया कि अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण अब तक 207.48 करोड़ की क्षति विभाग को हुई है जो सिर्फ सड़क और पुल पुलिया का नुकसान है। भवनों के नुकसान का अलग से आंकलन किया जा रहा है।

सड़कों के बहने का सबसे अधिक नुकसान राजगढ़ जिले को हुआ है। यहां मुख्य जिला मार्ग की 35.48 किमी सड़क का नुकसान हुआ है। इसके अलावा भिंड में 11.5 किमी, ग्वालियर की 22.11, श्योपुर की 2.55, शिवपुरी की 10.3 किमी सड़क बाढ़ बहा ले गई है। बारिश के कारण 17 जिलों में हुए नुकसान में मुख्य जिला मार्गों को 53.22 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा 143.71 किमी अन्य सड़कों को नुकसान हुआ है जिस पर 24.67 करोड़ का नुकसान आकलित किया गया है।

विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के अनुसार सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की ओर से 67.66 करोड़, ब्रिज कारपोरेशन द्वारा 75.05 करोड़, लोक निर्माण विभाग द्वारा 56 करोड़ तथा नेशनल हाइवे की सड़कों के संधारण पर 8.30 करोड़ रुपए व्यय किया जाना प्रस्तावित है। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने सड़क सुधार की समीक्षा बैठक में कहा है कि जहां भी संधारण कार्य कराया जा रहा है वहां डायवर्सन तैयार किए जाए।  क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया पर आवागमन न हो, इसके लिये पर्याप्त बेरिकेटिंग, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, साथ ही आवागमन योग्य सड़कों, गड्ढों इत्यादि को भरने के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया जिनके कारण बाढ़ प्रभावित गांव, नगर का संपर्क टूट गया है, ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता से आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

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