ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ से हुई तबाही का सर्वेक्षण करने आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई पट्टी पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आपदा से निपटने के लिए सरकार 3 मॉडल्स पर काम कर रही है।
सिंधिया ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एक डैश बोर्ड बनना चाहिए। पहली जिसमें पानी के और बांध का लेवल, मौसम, बांधों और नदियों की क्या स्थिति है। इसका सिस्टम होना चाहिए। इससे राहत के लिए मैपिंग की जा सके, दूसरी अनाज, संसाधन, घर किस पैमाने पर जल्द से जल्द पीड़ितों को मिल सके और तीसरी अधोसंरचना में जो डैमेज हुआ है उसे जल्द से जल्द ठीक करना है इन तीन मॉडल्स पर सरकार काम कर रही है।
उधर अशोक नगर में सिंधिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मेरी कल रात दो बजे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात हुई। गृहमंत्री, रक्षामंत्री से भी बातहो रही है। पिछले 40 साल से ऐसे तबाही हमारे ग्वालियर-चंबल संभाग में देखने को नहीं मिली। जहां जान-माल,पुल-सड़क हर तरीके से हर क्षेत्र में इतनी हानि हुई है। केंद्र ने बचाव के लिए एनडीआरएफ और आर्मी भेजी। 6 उड़नखटोले भेजे थे। खराब मौसम के चलते इसमें कुछ उड़ान नहीं भर सके। फिर भी बचावदल 15-20 हजार लोगों की जान बचाई। इसके लिए प्रशासन के लोगों ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
सिंधिया ने10 ट्रक राहत सामग्री रवाना की
केंद्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर व अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्वालियर से बाढ़ पीड़ितों के लिए ट्रकों से राहत सामग्री रवाना की। सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों एवं हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 8 अगस्त को हेलीकॉप्टर से पहले अशोकनगर व गुना जिले का हवाई दौरा किया फिर शिवपुरी शहर में 12:45 बजे पहुंचे।