भोपाल । एक ही भवन के दो परिवारों के लिए अलग-अलग मीटर कनेक्शन लेना आसान नहीं है। इसके लिए बिजली कम्पनी में आधा दर्जन से अधिक दस्तावेज जमा करने होंगे। अधिकारी मौका मुआयना करेंगे। संतुष्ट होने के बाद ही दूसरे कनेक्शन की स्वीकृति मिल सकती है।
दरअसल, दूसरे कनेक्शन के लिए इन दिनों आने वाले आवेदनों की खासा जांच-पड़ताल हो रही है। इसका प्रमुख कारण बिजली बिलों में मिलने वाली सब्सिडी एवं टैरिफ को माना जा रहा है। इसी के चलते बिजली कम्पनी एक ही भवन में दूसरे कनेक्शन की मांग को अब शक की नजर से देख रही है। हालांकि कुछ उपभोक्ता इस सुविधा की आड़ में अपने पूरे घर का लोड दो भागों में बांटने की फि राक में दूसरे कनेक्शन का जुगाड़ कर रहे हैं। इसके चलते बिजली कम्पनी किराएदार के लिए मकान मालिक द्वारा दूसरे कनेक्शन के आवेदन की स्वीकृति के पहले सबमीटर लगाने की सलाह पहले दे रही है।
एक परिसर में एक ही कनेकशन का नियम
मप्र विद्युत प्रदाय संहिता प्रावधानों के अनुसार एक भवन जिसमें पहले से एक बिजली कनेक्शन लगा है, वहां दूसरा कनेक्शन लेने के लिए परिसर के स्वामित्व के दस्तावेज एवं नगर निगम से एनओसी के साथ-साथ परिसर का अलग से चिह्नांकन हो, अलग से ब्लॉक खंड आदि हो और अलग परिवार निवासरत रहते हुए निस्तार अलग करता हो। अलग से निगम टैक्स का भुगतान एवं रजिस्टर्ड बंटवारा या रजिस्ट्री पट्टा हो। आवेदक की समग्र आइडी अलग हो, जबकि किराएदार की स्थिति में नियमानुसार रजिस्टर्ड किरायानामा एवं किराएदार की समग्र आइडी होना अनिवार्य है। इन सभी दस्तावेजों के साथ एक शपथपत्र भी आवेदन के साथ देना होगा।
टैरिफ एवं राजस्व का पेंच दरअसल मकान
मालिकों द्वारा किराएदार के लिए अलग से मीटर कनेक्शन की डिमांड इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बिजली बिल का टैरिफ 100 यूनिट पर 100 रुपए तक है। वहीं बिजली कम्पनी सबमीटर की सलाह इसलिए दे रही है कि किराएदार के रहने के बाद खपत सौ यूनिट से अधिक हो जाएगी और टैरिफ की दरें सामान्य हो जाएंगी। मसलन जिस भवन की सौ रुपए की बिजली खपत हो रही थी, उसकी 200 यूनिट खपत पर बिल खर्च 1000 से अधिक हो जाएगा। किराएदार आधी राशि भी देगा तो भी मकान मालिक को नुकसान होगा। वहीं दो मीटर लगने पर दोनों को ही सौ-सौ रुपए ही देने होंगे।