भोपाल ! बैरसिया के ग्राम भोजपुरा के जंगल में हुई अंकित चौरसिया की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। अंकित के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बहू के साथ संबंध थे। बार-बार समझाने के बावजूद जब अंकित ने उनकी बहू से नजदीकियां कम नहीं कीं, तो उन्होंने अपने बेटे और एक तांत्रिक की सहायता से उसकी हत्या कर दी।
बैरसिया पुलिस के मुताबिक मृतक अंकित चौरसिया उम्र 22 वर्ष आरोपी मोहन शाजापुर लाइन में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक मोहन प्रसाद सक्सेना के यहां वाहन चालक था। इस दौरान अंकित ने मोहन की बहू से नजदीकियां बढ़ा लीं। मोहन को जब यह बात पता चली, तो उसने अंकित को नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद अंकित शाजापुर में निर्मला गौर की कार चलाने लगा। लेकिन उसका मोहन की बहू से मिलना जारी रहा। परेशान होकर मोहन और उसका 29 साल का बेटा नितिन शाजापुर में रहने वाले तांत्रिक संजय व्यास उर्फ बाबा के पास पहुंचे। तांत्रिक से मोहन का परिचय अपनी बीमारी के दौरान हुआ था। मोहन ने तांत्रिक को 15 हजार रुपए देकर किसी बहाने से अंकित को भोजपुरा के जंगल में लाने को कहा। तांत्रिक का मोहन के घर आना-जाना था, इसलिए अंकित भी उसे अच्छी तरह जानता था।
महिला को वश में करने का दिया झांसा
तांत्रिक ने अंकित से कहा कि वो ऐसा तंत्र करेगा, जिससे मोहन की बहू पूरी तरह उसकी वश में आ जाएगी। इसके बाद अंकित अपनी मालकिन की कार से तांत्रिक के साथ 17 जनवरी को भोजपुरा के जंगल पहुंचे। पीछे से मोहन और उसका बेटो नितिन भी आ गया। तांत्रिक ने अंकित को आंख बंदकर तंत्र क्रिया करने का नाटक किया। फिर आंखे खोलने के लिए कहा। अंकित ने जैसे ही आंखें खोली, तांत्रिक ने पहले तो उसकी आंख में मिर्ची पाउडर डाला फिर मोहन और उसके बेटे ने अपने पास रखी लोहे की रॉड उसके सिर और गले पर मार दी। इसके बाद तीनों आरोपी फरार हो गए।
ऐसे हुआ खुलासा: पुलिस ने जब अंकित के दोस्तों से पूछताछ की, तो पता चला कि वो घटना के दिन एक अधेड़ व्यक्ति के साथ देखा गया था। इस आधार पर पुलिस जांच करते हुए तांत्रिक तक पहुंची। तांत्रिक ने पूछताछ में पूरी कहानी बता दी। इसके बाद पुलिस ने बाप-बेटे को गिरफ्तार कर लिया।
एएसआई कर रहा था गुमराह: पुलिस के अनुसार आरोपी मोहन स्वयं पुलिस में होने की वजह से जानता था कि इस मामले की जांच कैसे होगी। लिहाजा उसने खुद के बचाव की सारी तैयारी हत्या से पहले ही कर ली थी। उसने स्वयं का मानसिक रोगी का प्रमाण पत्र बनवाकर इलाज करवाना शुरू कर दिया था। इसके अलावा वारदात के बाद खुद को सामान्य बताने के लिए वो इंदौर अपने रिश्तेदार के यहां गृह प्रवेश के कार्यक्रम में शामिल होने भी गया था। शुरूआती पूछताछ में उसने इन्हीं आधार पर गुमराह भी किया था।