उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणामुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के दूसरे सोमवार को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री चन्द्रहमौलीश्वर के स्वरूप में रजत की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। साथ ही श्री मनमहेश हाथी पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि श्रावण 2 अगस्त को दूसरे सोमवार के मौके पर सवारी नगर भ्रमण पर निकलने के पूर्व भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री चन्द्रेमौलीश्वर और श्री मनमहेश स्वरूप का मंदिर स्थित सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन किया जायेगा। उसके पश्चा्त भगवान पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड आॅफ आॅनर) दिया जायेगा। उसके पश्चात सवारी बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से होते हुए क्षिप्रातट रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री महाकाल के अभिषेक-पूजन के पश्चात सवारी रामानुजकोट हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर के सामने माँ हरसिद्धि एवं बाबा श्री महाकाल की आरती के पश्चात सवारी बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आवेगी।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि व्यंवस्था में लगे सभी लोगों को अनिवार्यत: मास्क धारण करने व समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करते रहने हेतु निर्देश दिये गये है। सवारी में सीमित संख्या में अधिकृत व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि श्रावण-भाद्रपद माह के प्रत्येक सोमवार को दोपहर के बाद मन्दिर की ओर आने-जाने के मार्ग बन्द कर दिये जायेंगे। कोविड प्रोटोकाल के तहत तय किये गये नवीन सवारी मार्ग पर भी धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं। इसके तहत आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है।