ग्वालियर। एक समय में डकैतों के लिए कुख्यात रहे मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के चंबल के बीहड अब सरहदों के रखवालों के जन्मदाताओं के रुप में पहचाने जायेंगे। सिपाही की बर्दी पहनकर सरहद की हिफाजत करते आ रहे चंबल संभाग के भिण्ड जिले के युवाओं के लिए चंबल के बीहड जहां कभी डकैत रहा करते थे और बंदूक से निकलने वाली गोलियों की गर्जना सुनाई देती थी वहां अब शिक्षा का मंदिर यानी अब चंबल के बीहडों में 50 करोड रुपए की लागत से मिलेट्री स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। डिफेंस अधिकारियों ने भी बिल्डिंग तैयार मिलने पर स्कूल संचालित करने का आश्वासन दिया है।
आज भी भिण्ड जिले के 20 हजार से अधिक सिपाही ऑन ड्यूटी है जबकि इससे कहीं ज्यादा सेवानिवृत सैनिक है। इस अनुपात में अधिकारियों की संख्या एक दर्जन से ीाी कम है। प्रदेश में केवल एक मिलेट्री कॉलेज होने के कारण युवाओं का अधिकारी बनने का सपना साकार नहीं हो पाता है। जिले के 1962 से लेकर अब तक 81 सिपाही सीमा पर शहीद हो चुके है। इनमें से 15 को जीवित और मरणोपरांत अवस्था में शौर्य, वीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं भिण्ड जिले के निवासी सेवानिवृत डॉं. भागीरथ प्रसाद ने बताया कि भिण्ड जिले के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का जज्बा है। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद से युवा फौज में भर्ती होने का सपना देखने लगते है। कई युवा परिश्रम के बल पर सेना में सिपाही के रुप में तो भर्ती हो जाते हैं, लेकिन अफसर बनने का सपना बहुत कम लोगों का ही पूरा हो पाता है। लंबे समय से चंबल के भिण्ड जिले में मिलेट्री स्कूल की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पहली बार इस दिशा में सार्थक प्रयास शुरु किए गए है। स्थानीय सांसद डॉं. भागीरथ प्रसाद ने बताया कि उनकी डिंफंेस के अधिकारियों और प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। प्रोजेक्ट पर करीब 50 करोड रुपए का खर्च आ रहा है। उधर डिफेंस के अधिकारियों ने बिल्डिंग मिलने पर सैन्य स्कूल का संचालन चंबल के बीहडों में किए जाने की रजामंदी दी है। प्रदेश सरकार के अधिकारियों से संकेत मिलने के बाद प्रशासन ने प्रोजेक्ट पर काम करना शुरु कर दिया है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो वर्ष 2016 के अंत तक भिण्ड जिले को मिलेट्री स्कूल का तोहफा मिल सकता है।
सांसद डॉं. भागीरथ प्रसाद ने कहा है कि चंबल क्षेत्र के युवा पिछले 120 सालों से सिपाही बनकर सीमा पर लडते आ रहे है। आज भी संसाधनों की कमी के कारण अधिकारी बनने का मौका नहीं मिल पाता। छोटे से हरियाणा में तीन मिलेट्री स्कूल है। यही कारण है कि वहां के संना में अधिकारी अधिक है। वर्तमान संेना अध्यक्ष भी हरियाणा से है।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने बताया कि विजय दिवस के दिन कुछ सेना के सेवानिवृत अधिकारियों ने भिण्ड जिले में मिलेट्री स्कूल खोले जाने की दिशा में प्रयास किए जाने का आग्रह किया था। मिलेट्री स्कूल के लिए प्रस्ताव भेजने की दिशा में काम किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर जमीन को भी देखा है। सेवानिवृत सैन्य अधिकारी व क्षेत्रीय सांसद भी स्कूल को लेकर प्रयासरत है।

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