ग्वालियर। भिण्ड पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ आरक्षक सचिन दुबे की 5 वर्षीय बेटी का अपहरण करने वाले आरोपी सलमान खां को भिण्ड की एक अदालत ने कल आजीवन कारावास की सजा तथा 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंण्डित किया है। आरोपी ने बालिका का अपहरण उसके परिजनों से 2 लाख रुपए की फिरौती बसूलने के लिए किया था।
विशेष लोक अभियोजक रवीन्द्र मुदगल ने आज यहां बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ आरक्षक सचिन दुबे भिण्ड के रेखा नगर में एक किराए के मकान में रहते हैं। 20 नबम्बर 2012 को उनकी 5 साल की बच्ची गुनगुन दोपहर स्कूल से घर आई और घर पर स्कूल का बैग रखकर पास ही एक दुकान से टॉफी लेने गई थी। तभी वहां मौजूद उत्तरप्रदेश के झांसी जिले के समथर थाना क्षेत्र के ग्राम सांकर निवासी सलमान खां 25 वर्ष ने बच्ची को अकेली पाकर उसे अच्छी टॉफी दिलाने की कहकर अपनी गोद में उठा लिया और ऑटो में बिठाकर अपहरण कर ले गया। मासूम बच्ची जब काफी देर के बाद भी टॉफी लेकर घर वापस नहीं आई तो उसकी मॉं ने घर के पास ही बच्ची की तलाश की, जब वह कहीं नहीं दिखी तो उसकी खोजबीन की गई। सभी जगह तलाश करने के बाद भी बच्ची नहीं मिली तब भिण्ड देहात थाना क्षेत्र में बच्ची के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। देहात थाना पुलिस ने आरक्षक सचिन दुबे की रिपोर्ट पर अपहरण का अपराध दर्ज कर बच्ची की खोजबीन की। अर्ध रात्रि को आरोपी सलमान खां बच्ची को लेकर बाहर ले जाने के लिए रात्रि में सुभाष तिराहे पर किसी लोडिंग वाहन का इंतजार कर रहा था कि तभी अचानक पुलिस की निगाह सलमान व बच्ची पर पड गई। पुलिस ने सलमान को अपनी हिरासत में लेकर बच्ची को बरामद कर उसे परिजनों के हवाले कर दिया।
भिण्ड देहात थाना पुलिस ने आरोपी सलमान खां को 21 नबम्बर 2012 को भिण्ड न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया, तब से उसे जमानत नहीं मिली है। कल विशेष न्यायाधीश (डकैती) एमएस तोमर ने मासूम बच्ची के बयान व आरोपी की पहचान के अलावा पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को सही मानते हुए आरोपी सलमान खां को आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दंण्डित किया है। आरोपी सलमान के वकील द्वारा न्यायाधीश से अपील की गई कि आरोपी का यह पहला अपराध है और उसकी उम्र भी कम है। ऐसे में सिर्फ अर्थदण्ड या कम से कम सजा दी जाए। लेकिन न्यायालय ने इसे जघन्य अपराध माना है।