सोहागपुर/होशंगाबाद ! होशंगाबाद-पिपरिया मुख्य मार्ग पर यात्रियों से भरी एक बस सड़क किनारे अनियंत्रित होकर पलट जाने से 15 लोगों की मौत हो गयी और 41 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये। बस इंदौर से चांदामेटा परासिया जा रही थी। बस में सवार सभी यात्री एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। इंदौर में हुई शादी के बाद समारोह में शामिल होने तथा वधु को लेने जा रहे थे। घटना सुबह 5 बजकर 26 मिनिट की है। जब बस एक ट्रक को साईड देने के चलते लांघा नदी के पुल के पास खाई में जा गिरी। घायलों का प्राथमिक उपचार सोहागपुर के सरकारी अस्पताल में किया गया। उन्हें जिला चिकित्सालय के लिये रेफर कर दिया गया था। हादसे के बाद पंद्रह लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी। बस में सवार यात्रियों में से तीन मासूमों आठ यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मौके पर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे तथा अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। हादसा तहसील मुख्यालय से मात्र किलोमीटर की दूरी पर हुआ। अंधे मोड़ पर रेलिंग नहीं लगी होना हादसे का कारण बना। यात्रियों की मौत की सबसे बड़ी वजह यात्री बस में आपातकीन गेट का नहीं होना था।
ग्राम बम्होरी खुर्द के अंधे मोड़ पर लांघा नदी के पुल के करीब की खाई में बस क्रमांक एमपी 09 एफए 9597 जा गिरी। हादसे के समय के एक प्रत्यक्षदर्शी ने समीप से ग्रामीणों को बुलाया। 100 डायल और 108को सूचना दी गई। ग्रामीण हनीफ खान मेक स्टूडियो, हनीफ पठान, सदम, सोनू, शादाब, मामा, संजू ने यात्रियों को बस से निकालने की कोशिशें की ओर यात्रियों को बस से निकालते हुये प्रशासन तथा शहर के नागरिकों को सूचना दी। बस पलटने से यात्री बुरी तरह से बस में फंसे हुये थे और निकाले ही नहीं जा रहे थे। इस बीच किसी ने जेसीबी मालिक दयाराम छाबडिय़ा को सूचना दे दी और बस को जेसीबी से सीधा किया गया और बचाव कार्य वृहद स्तर पर शुरू हो गया। प्रत्यक्षदर्शी और आंशिक रूप से घायल हुये यात्रियों ने बताया एक यह हादसा एक ट्रक को साईड देने के चलते हुआ और साईड देने के चलते बस खाई में जा गिरी। मौके पर बस गिरने की तेज आवाज होने के चलते समीप के खेत में रहने वाले हनीफ स्टूडियो अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचे हनीफ ने बताया कि किसी वाहन के गिरने की तेज आवाज आई तो हम लोग पहुंचे यात्री लोग बुरी तरह से घबराये हुये थे और मदद मांग रहे थे हम जितने लोगों को निकाल सकते थे निकाला उसके बाद जब जेसीबी से बस सीधी की गयी तब उसके बाद बस से लाशों को निकाला जा सका।